क्या सिविल सेवकों की भूमिका विकसित भारत 2047 के लक्ष्य में महत्वपूर्ण है?

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क्या सिविल सेवकों की भूमिका विकसित भारत 2047 के लक्ष्य में महत्वपूर्ण है?

सारांश

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने सिविल सेवकों के महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने टीमवर्क और समावेशी विकास की बातें की हैं। जानें, कैसे ये सेवक देश के भविष्य में योगदान कर सकते हैं।

Key Takeaways

  • सिविल सेवकों की भूमिका विकसित भारत 2047 में महत्वपूर्ण है।
  • टीमवर्क से ही प्रशासनिक कार्यों में सुधार संभव है।
  • उभरती तकनीकों का उपयोग पारदर्शिता बढ़ाता है।
  • जीएसटी ने अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को सरल बनाया है।
  • कानूनों का पालन अधिकारी की जिम्मेदारी है।

नई दिल्ली, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने रविवार को कहा कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को हासिल करने में सिविल सेवकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने अंतिम पायदान तक लाभ पहुंचाने, टीमवर्क और समावेशी विकास की भावना को प्रशासनिक कार्यों का मूल आधार बताया।

आंध्र प्रदेश के पलसमुद्रम स्थित राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर एवं नारकोटिक्स अकादमी में प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि व्यक्तिगत उत्कृष्टता से अधिक टीम की उत्कृष्टता आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों से सतत सीखने और सुधारोन्मुखी दृष्टिकोण अपनाने की अपील की।

उन्हें बताया गया कि करीब 12 लाख यूपीएससी अभ्यर्थियों में से केवल लगभग 1,000 ही चयनित होते हैं, ऐसे में चयनित अधिकारी 140 करोड़ भारतीयों की अपेक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा, “जहां शक्ति होती है, वहां जिम्मेदारी भी होती है,” और प्रशिक्षु अधिकारियों को इस अवसर का उपयोग राष्ट्र सेवा में करने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2024 में नए राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर एवं नारकोटिक्स अकादमी परिसर के उद्घाटन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह संस्था सीमा शुल्क और जीएसटी प्रशासन में क्षमता निर्माण का महत्वपूर्ण केंद्र बन चुकी है।

उभरती तकनीकों एआई, एनएलपी, मशीन लर्निंग और ब्लॉकचेन को अपनाने का आग्रह करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि तकनीक पारदर्शिता, दक्षता और नागरिक सेवाओं को बेहतर बनाने का माध्यम है। उन्होंने आईजीओटी कर्मयोगी ऐप को "कहीं भी, कभी भी सीखने का उत्कृष्ट मंच" बताया।

कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश सरकार के मानव संसाधन, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार मंत्री नर लोकेश, उपराष्ट्रपति के सचिव अमित खरे, राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर एवं नारकोटिक्स अकादमी के महासंचालक डॉ. सुब्रमण्यम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति ने इस वर्ष की विशेषता का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्र आज सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती मना रहा है, जिन्होंने अखिल भारतीय सेवाओं की नींव रखी। उन्होंने पटेल को एक दूरदर्शी नेता बताया जिनके मार्गदर्शन ने भारत को मजबूत, आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनने की दिशा दी।

उन्होंने बताया कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) 2026 में अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करेगा और इसे "मेरिट, ईमानदारी और निष्पक्षता का संरक्षक" कहा।

समावेशी विकास पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि संपत्ति निर्माण और संपत्ति वितरण दोनों समान रूप से आवश्यक हैं और प्रधानमंत्री मोदी ने इन दोनों को राष्ट्र निर्माण के मूल सिद्धांतों में शामिल किया है।

उन्होंने जीएसटी को ऐतिहासिक सुधार बताते हुए कहा कि इससे देश की अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था सरल और एकीकृत हुई है। उन्होंने कहा कि कर चोरी रोकना और विधि का पालन सुनिश्चित करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि “कानून समाज और राष्ट्र के हित में बनाए जाते हैं, और उन्हें लागू करना अधिकारियों का दायित्व है।”

Point of View

मैं मानता हूँ कि विकसित भारत 2047 का लक्ष्य एक सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। सिविल सेवकों की भूमिका इस प्रक्रिया में केंद्रीय है। उनकी क्षमता और दायित्व का सही उपयोग ही हमें इस लक्ष्य की ओर अग्रसर करेगा।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

सिविल सेवकों की भूमिका क्या है?
सिविल सेवकों का कार्य प्रशासनिक कार्यों को सुगम बनाना और अंतिम पायदान तक लाभ पहुंचाना है।
क्या टीमवर्क महत्वपूर्ण है?
जी हां, व्यक्तिगत उत्कृष्टता से अधिक, टीम की उत्कृष्टता आवश्यक है।
क्या तकनीक का उपयोग करना जरूरी है?
उभरती तकनीकों का उपयोग पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए आवश्यक है।
जीएसटी का महत्व क्या है?
जीएसटी ने देश की अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को सरल और एकीकृत किया है।
कानून का पालन कैसे सुनिश्चित किया जाए?
कानूनों का पालन करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है, जो समाज और राष्ट्र के हित में होते हैं।
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