क्या भारत के सीजेआई बीआर गवई की भूटान यात्रा ने न्यायिक सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की?

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क्या भारत के सीजेआई बीआर गवई की भूटान यात्रा ने न्यायिक सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की?

सारांश

भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की भूटान यात्रा में उच्चस्तरीय मुलाकातें हुईं। उन्होंने भूटान के राजा और प्रधानमंत्री से मिलकर न्यायिक सहयोग को सुदृढ़ करने पर चर्चा की। यह यात्रा दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगी।

Key Takeaways

  • भारत-भूटान के न्यायिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल।
  • डिजिटल परिवर्तन के अनुभव साझा करने की प्रतिबद्धता।
  • भूटानी न्यायपालिका को तकनीकी सहयोग का आश्वासन।
  • भूटान के विधि स्नातकों के लिए क्लर्क के पदों की घोषणा।
  • कानूनी शिक्षा में करुणा और नैतिकता का महत्व।

नई दिल्ली, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सीजेआई) बी.आर. गवई अपनी आधिकारिक यात्रा पर भूटान पहुँचे हैं। यहाँ उन्होंने शनिवार को भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की। एक दिन पहले, शुक्रवार को, उन्होंने प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे से भी भेंट की थी।

सीजेआई कार्यालय के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश गवई ने इन उच्च स्तरीय बैठकों के दौरान भारत और भूटान की न्यायपालिकाओं के बीच सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा की और दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण एवं ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

मुख्य न्यायाधीश ने भूटानी न्यायपालिका को प्रौद्योगिकी एकीकरण, क्षमता निर्माण और ज्ञान-साझाकरण के क्षेत्रों में हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि भारत की न्यायपालिका न्यायिक प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाने में डिजिटल परिवर्तन के अनुभवों को भूटान के साथ साझा करने के लिए तत्पर है।

न्यायमूर्ति गवई ने अपनी यात्रा के दौरान जेएसडब्ल्यू स्कूल ऑफ लॉ के छात्रों और संकाय सदस्यों के साथ संवाद किया। इस अवसर पर महारानी राजकुमारी सोनम देचेन वांगचुक और भूटान के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति नोरबू शेरिंग भी उपस्थित थे।

गवई ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि कानूनी शिक्षा का उद्देश्य केवल विधिक ज्ञान प्राप्त करना नहीं है, बल्कि करुणा, नैतिकता और न्याय के मूल्यों को आत्मसात करना भी है। उन्होंने भविष्य के न्यायविदों से आग्रह किया कि वे समाज के प्रति संवेदनशील और न्याय के आदर्शों के प्रति समर्पित रहें।

मुख्य न्यायाधीश गवई ने भारत-भूटान के न्यायिक संबंधों को और मजबूत करते हुए यह घोषणा की कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय में विधि क्लर्क के दो पद प्रत्येक वर्ष भूटान के विधि स्नातकों को प्रदान किए जाएंगे। यह कदम दोनों देशों की न्यायपालिकाओं के बीच शैक्षणिक साझेदारी और पेशेवर सहयोग को बढ़ावा देने की एक सतत पहल का हिस्सा है।

भारत और भूटान के बीच दशकों पुराने विश्वास, साझेदारी और आपसी सम्मान पर आधारित संबंधों को रेखांकित करते हुए मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा कि न्यायिक सहयोग दोनों देशों के लोकतांत्रिक और संस्थागत संबंधों को नई दिशा देगा।

Point of View

बल्कि दोनों देशों के लोकतंत्र को भी नई दिशा देगी। मुख्य न्यायाधीश का यह कदम न्यायपालिका में पारदर्शिता और सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
NationPress
25/10/2025

Frequently Asked Questions

सीजेआई बीआर गवई की भूटान यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या था?
सीजेआई बीआर गवई की भूटान यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और भूटान की न्यायपालिकाओं के बीच सहयोग को मजबूत करना था।
भूटान के राजा से मुलाकात का क्या महत्व है?
भूटान के राजा से मुलाकात का महत्व दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करना और न्यायिक सहयोग को बढ़ावा देना है।