क्या अमेरिकी वायु सेना ने क्रैश हुआ एमक्यू-9 ड्रोन रिकवर किया?
सारांश
Key Takeaways
- अमेरिकी वायुसेना ने एमक्यू-9 ड्रोन को सफलतापूर्वक रिकवर किया।
- यह ऑपरेशन अमेरिका और दक्षिण कोरिया की मिलीजुली विशेषज्ञता से संभव हुआ।
- दुर्घटना के कारणों की जांच चल रही है।
सियोल, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका की वायुसेना की इकाई ने सूचित किया है कि पिछले महीने पश्चिमी समुद्र तट के निकट दुर्घटनाग्रस्त हुए एमक्यू-9 ड्रोन को सफलतापूर्वक रिकवर कर लिया गया है।
अमेरिकी वायुसेना की दक्षिण कोरिया में तैनात यूनिट ने बताया कि ड्रोन के सभी मलबे को सुरक्षित कर लिया गया है।
रीपर नामक यह ड्रोन 24 नवंबर को समुद्र में गिरा था। यह घटना सियोल से लगभग 180 किलोमीटर दक्षिण में, गुनसान शहर के पास, माल्डो-री द्वीप के समीप हुई। इस दुर्घटना में कोई भी व्यक्ति घायल नहीं हुआ है। योनहाप समाचार एजेंसी के मुताबिक, दुर्घटना के कारणों की जांच अभी भी जारी है।
इस घटना को 20 दिनों से अधिक हो चुके हैं और अब जाकर अमेरिकी वायु सेना और दक्षिण कोरियाई नौसेना ने मिलकर इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
अमेरिकी वायु सेना की इकाई ने कहा कि "हमारी दोनों सेनाओं की संयुक्त विशेषज्ञता और संसाधन इस ऑपरेशन की सफलता के लिए आवश्यक थे" और उन्होंने दक्षिण कोरियाई सेना के साथ मजबूत साझेदारी के लिए धन्यवाद दिया। अमेरिकी वायु सेना ने यह नहीं बताया कि क्या वे सुरक्षा दृष्टिकोण से एक और एमक्यू-9 ड्रोन को तैनात करने की योजना बना रहे हैं या नहीं।
उल्लेखनीय है कि क्रैश हुआ एमक्यू-9 ड्रोन, उन ड्रोन के बेड़े का हिस्सा था, जिसे सितंबर के अंत में गुनसान में अमेरिकी एयरबेस पर 431वें एक्सपीडिशनरी रिकोनिसेंस स्क्वाड्रन में शामिल किया गया था। यह ड्रोन निगरानी और हमले दोनों प्रकार के मिशनों के लिए डिज़ाइन किया गया है और लंबी दूरी तय करने की क्षमता रखता है, साथ ही खतरा महसूस होने पर हमला भी कर सकता है।
एमक्यू-9 ड्रोन की तैनाती के बाद यह लगातार कहा जा रहा था कि दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया पर निगरानी रखेगा और पीले सागर में चीन की गतिविधियों पर नज़र रखेगा। हालांकि, ड्रोन के क्रैश के बाद अब यह स्पष्ट नहीं है कि सुरक्षा निगरानी के लिए एक और एमक्यू-9 ड्रोन की तैनाती की जाएगी या नहीं।
यह घटना तब हुई जब पहले ही चीन और दक्षिण कोरिया के बीच पीले सागर के अधिकार को लेकर विवाद चल रहा है। चीन कुछ हिस्सों पर अपना दावा कर रहा है, जबकि दक्षिण कोरिया का कहना है कि वह हिस्सा उनका है।