क्या मुख्यमंत्री धामी ने स्वयं सहायता समूह और सफाई कर्मियों से मुलाकात कर पर्यटकों से की अपील?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के कार्यों की प्रशंसा की।
- पर्यटकों को स्थानीय उत्पादों की खरीद करने की अपील की गई।
- सफाई कर्मियों की मेहनत को सराहा गया।
- सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं पर फीडबैक लिया गया।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में योगदान।
भराड़ीसैंण, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में सुबह के समय किए गए भ्रमण के दौरान राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कार्यरत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने महिलाओं के समर्पण और उनके कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी मेहनत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने महिलाओं से सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के बारे में प्रतिक्रिया भी ली और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार हर संभव प्रयास करेगी ताकि स्वयं सहायता समूह और अधिक सशक्त हो सकें। उन्होंने देवभूमि आने वाले पर्यटकों से विशेष अपील की कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के अनुसार अपनी यात्रा व्यय का कम से कम 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों की खरीद में खर्च करें, ताकि उत्तराखंड की ग्रामीण आजीविका और स्थानीय कारीगरों को सीधा लाभ मिल सके।
सीएम धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में सुबह के भ्रमण में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कार्यरत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से बातचीत की और उनके कार्यों की सराहना की। साथ ही, सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का फीडबैक भी लिया। देवभूमि उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों से अनुरोध है कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर अपनी यात्रा व्यय का 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों की खरीद में अवश्य लगाएं।"
उन्होंने आगे कहा, "इस दौरान विधानसभा परिसर में कार्यरत सफाई कर्मचारियों से चर्चा कर उनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। सभी ने सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं के प्रति आभार व्यक्त किया। ग्रामीण आजीविका को सशक्त करने में लगी बहनों का समर्पण और स्वच्छ तथा स्वस्थ समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले सफाई कर्मियों की मेहनत 'विकसित उत्तराखंड' की दिशा में एक सामूहिक प्रयास का अद्वितीय उदाहरण है।"