क्या सीएम हेमंत ने अपने 50वें जन्मदिन पर दिवंगत पिता को भावुकता से याद किया?

सारांश
Key Takeaways
- जन्मदिन पर भावनात्मक यादें साझा करना महत्वपूर्ण होता है।
- पारिवारिक मूल्य और आदर्शों का जीवन में गहरा प्रभाव होता है।
- नेतृत्व का अर्थ केवल शासन करना नहीं, बल्कि सेवा करना भी है।
- संघर्ष और साहस के सीखने की प्रक्रिया परिवार से शुरू होती है।
- सामाजिक दायित्व एक नेता का मूल होता है।
रांची, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आमतौर पर जन्मदिन खुशियों, शुभकामनाओं और उत्सव का प्रतीक होता है, लेकिन रविवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने 50वें जन्मदिन पर स्मृतियों और भावनाओं में गहराई से डूबे रहे।
4 अगस्त को उनके पिता और झारखंड आंदोलन के नायक शिबू सोरेन का निधन हुआ था। हेमंत सोरेन ने संथाल आदिवासी परंपरा के अनुसार उनके श्राद्ध के रस्म-रिवाज निभाने में व्यस्त हैं।
इस बीच, उन्होंने सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने अपने पिता को गहराई से याद किया। हेमंत सोरेन दिवंगत शिबू सोरेन और रूपी सोरेन के तीसरे संतान हैं। उनका जन्म 10 अगस्त 1975 को रामगढ़ जिले के नेमरा में हुआ था।
सोशल मीडिया पर हेमंत ने लिखा, ''आज बाबा बहुत याद आ रहे हैं, मुझे जीवन देने वाले मेरे जीवनदाता, मेरी जड़ों से जुड़ी पहचान, वही अब मेरे साथ नहीं हैं। यह एक कष्टकारी क्षण है।''
पोस्ट में हेमंत ने अपने पिता को जीवन के शिक्षक, संघर्ष के साथी और प्रेरणा का स्रोत भी बताया।
मुख्यमंत्री ने लिखा, ''बाबा के आदर्श, विचार और शिक्षाएं मेरे लिए केवल पुत्र धर्म नहीं, बल्कि सामाजिक दायित्व हैं। मैंने उनसे सीखा कि नेतृत्व का अर्थ शासन करना नहीं, बल्कि सेवा करना है। आज जब मैं अपने राज्य की जिम्मेदारी उठाता हूं, तो उनकी बातें, उनकी आंखों का विश्वास, लोगों की पीड़ा हरने का उनका संकल्प मुझे हर निर्णय में मार्गदर्शन देता है।''
हेमंत ने अपने पिता को प्रकृति का अंश बताते हुए लिखा कि वे अब सूरज की रोशनी, पेड़ों की छाया, बहती हवा, नदियों की धार और अग्नि की लौ में विद्यमान हैं, वह लौ, जिसने उन्हें सत्य, संघर्ष और निडर होकर जन-जन की सेवा करने का साहस दिया।
पोस्ट के अंत में हेमंत ने पिता के प्रति गर्व और आभार व्यक्त करते हुए लिखा, ''बाबा, मुझे गर्व है कि मैं आपकी संतान हूं, मुझे मान है कि मैं वीर योद्धा दिशोम गुरुजी का अंश हूं। वीर दिशोम गुरु शिबू सोरेन अमर रहें। जय झारखंड।”