क्या सीएम सिद्धारमैया का सख्त निर्देश सामाजिक-शैक्षणिक सर्वेक्षण को 7 अक्टूबर तक पूरा करने का है?

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क्या सीएम सिद्धारमैया का सख्त निर्देश सामाजिक-शैक्षणिक सर्वेक्षण को 7 अक्टूबर तक पूरा करने का है?

सारांश

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सामाजिक-शैक्षणिक सर्वेक्षण को 7 अक्टूबर तक पूरा किया जाए। यह निर्देश समय सीमा को बढ़ाने के बिना दिया गया है, जिससे सभी परिवारों का सर्वेक्षण सुनिश्चित हो सके।

Key Takeaways

  • सर्वेक्षण की समय सीमा: 7 अक्टूबर 2023
  • हर परिवार का सर्वेक्षण: 1.43 करोड़ परिवारों का डेटा संग्रह
  • शिक्षकों की भूमिका: 1.2 लाख शिक्षकों की तैनाती
  • कानूनी कार्रवाई: लापरवाही पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
  • विशेष उपाय: पहाड़ी क्षेत्रों में सर्वेक्षण केंद्र स्थापित करना

बैंगलोर, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जिला अधिकारियों को निर्देश दिया कि चल रहे सामाजिक-शैक्षणिक सर्वेक्षण को 7 अक्टूबर तक पूरा किया जाए और यह स्पष्ट किया कि समय सीमा में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी। ये कड़े निर्देश उन्होंने एक उच्च-स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस समीक्षा बैठक के दौरान दिए।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि प्रारंभिक तकनीकी समस्याओं को सुलझा लिया गया है और अधिकारियों को तुरंत कार्य की गति बढ़ाने का आदेश दिया गया है।

उन्होंने राज्य के सभी 1.43 करोड़ परिवारों को कवर करने के लक्ष्य पर जोर देते हुए कहा, "लक्ष्य को पूरा करने के लिए आपको दैनिक प्रगति दर में कम से कम 10 प्रतिशत तक पहुंचना होगा।"

अभी तक केवल 2.76 लाख परिवारों का ही सर्वेक्षण किया गया है, इसलिए इसमें तेजी लाने की आवश्यकता है।

बेंगलुरु, जहां आज से सर्वेक्षण शुरू हो रहा है, पर विशेष ध्यान देते हुए, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बीबीएमपी सीमा में तुरंत गणना शुरू हो, जहां लगभग 50 लाख परिवार हैं।

उन्होंने कहा, "राज्य के हर एक परिवार का सर्वेक्षण किया जाना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी परिवार छूट न जाए।"

गणनाकर्ताओं के रूप में तैनात शिक्षकों की जिम्मेदारी पर बात करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, "1.2 लाख से ज्यादा शिक्षकों को यह कार्य सौंपा गया है, और उन्हें इसे जिम्मेदारी से करना होगा।"

उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी लापरवाही के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

व्यापक कवरेज सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कई उपायों की रूपरेखा प्रस्तुत की।

उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों की सुविधा के लिए स्कूलों में सर्वेक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे और ऑनलाइन सुविधा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

गणनाकर्ताओं को प्रारंभिक सर्वेक्षण के दौरान जिन घरों में ताला लगा हुआ पाया गया है, वहां दोबारा जाने का निर्देश दिया गया है।

सुचारू संचालन के लिए उन्होंने निर्देश दिया कि तकनीकी समस्याओं का समाधान विभिन्न विभागों के आईटी कर्मचारियों की मदद से स्थानीय स्तर पर किया जाए और प्रत्येक तालुका के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि यह कई विभागों का समन्वित प्रयास है। उन्होंने क्षेत्रीय आयुक्तों को समय पर कार्य पूरा करने के लिए प्रतिदिन प्रगति की निगरानी करने का आदेश दिया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का यह निर्देश न केवल सामाजिक-शैक्षणिक डेटा संग्रह का एक महत्वपूर्ण प्रयास है, बल्कि यह सुनिश्चित करने का भी एक अवसर है कि प्रत्येक परिवार का सर्वेक्षण किया जाए। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सभी नागरिकों को शामिल करे और उनके अधिकारों का सम्मान करे।
NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

सामाजिक-शैक्षणिक सर्वेक्षण का उद्देश्य क्या है?
इस सर्वेक्षण का उद्देश्य राज्य के सभी परिवारों की सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति का आंकलन करना है।
यह सर्वेक्षण कब तक चलेगा?
सर्वेक्षण को 7 अक्टूबर 2023 तक पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
क्या सर्वेक्षण में सभी परिवार शामिल होंगे?
जी हां, मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य के हर परिवार का सर्वेक्षण किया जाना चाहिए।
सर्वेक्षण करने वाले शिक्षकों की संख्या कितनी है?
इस कार्य के लिए 1.2 लाख से ज्यादा शिक्षकों को तैनात किया गया है।
क्या कोई कानूनी कार्रवाई की जाएगी?
जी हाँ, किसी भी लापरवाही के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।