क्या सीएम स्टालिन ने केंद्र से एसएसए फंड जारी करने की अपील की?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सामान्य शिक्षा अभियान के तहत राशि की मांग की।
- तमिलनाडु दो भाषा नीति का पालन करेगा।
- फंड की कमी से छात्रों का भविष्य प्रभावित हो सकता है।
- कोयंबटूर और मदुरै में मेट्रो परियोजनाओं के लिए केंद्र से मंजूरी की आवश्यकता है।
- श्रीलंकाई मछ fishermen की गिरफ्तारी पर चिंता।
चेन्नई, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने केंद्र सरकार से समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत राज्य के लिए बकाया 2,151.59 करोड़ रुपए की राशि तत्काल जारी करने की मांग की है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि तमिलनाडु तमिल और अंग्रेजी की दो भाषा नीति का पालन करेगा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में प्रस्तावित तीन भाषा नीति का विरोध करता है।
मुख्यमंत्री की यह मांग एक ज्ञापन में प्रस्तुत की गई है, जिसमें केंद्र से 2024-25 के लिए समग्र शिक्षा योजना की राशि और 2025-26 की पहली किस्त जारी करने का अनुरोध किया गया है।
वर्तमान में, मुख्यमंत्री स्टालिन एक निजी अस्पताल में स्वास्थ्य जांच के लिए भर्ती हैं। उन्होंने 21 जुलाई को चक्कर आने की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती होने से पहले इस ज्ञापन को मंजूरी दी थी।
स्टालिन ने कहा कि इस राशि को पीएम एसएचआरआई समझौते पर हस्ताक्षर करने की शर्त से जोड़ना उचित नहीं है, क्योंकि राज्य को इस पर आपत्ति है। उन्होंने चेतावनी दी कि फंड की कमी से लाखों छात्रों का भविष्य प्रभावित हो सकता है।
ज्ञापन में कोयंबटूर और मदुरै में प्रस्तावित मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए केंद्र से मंजूरी और 50:50 लागत साझेदारी मॉडल की मांग की गई है। मुख्यमंत्री ने चेन्नई में उपनगरीय रेल सेवाओं को बढ़ाने और रेलवे की लंबित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को जल्दी लागू करने का भी आग्रह किया।
श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों की बार-बार गिरफ्तारी पर चिंता जताते हुए स्टालिन ने इस मुद्दे का स्थायी राजनयिक समाधान निकालने और तमिलनाडु के मछुआरों और उनकी नौकाओं को श्रीलंकाई हिरासत से तुरंत रिहा करने की मांग की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर तमिलनाडु में हैं, जहां वे कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं।