क्या सीएम योगी ‘विमुक्त जाति दिवस’ कार्यक्रम में शामिल होंगे?

सारांश
Key Takeaways
- विमुक्त जाति दिवस का आयोजन 31 अगस्त को होगा।
- मुख्य अतिथि होंगे सीएम योगी आदित्यनाथ।
- कार्यक्रम का उद्देश्य विमुक्त जाति समुदाय को मुख्यधारा में लाना है।
- सरकार की योजनाएं शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर केंद्रित हैं।
- यह कार्यक्रम सामाजिक समरसता को बढ़ावा देगा।
लखनऊ, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। समाज के हाशिए पर स्थित विमुक्त जाति समुदाय को मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। इसी दिशा में, 31 अगस्त को लखनऊ के गोमतीनगर में स्थित भागीदारी भवन में ‘विमुक्त जाति दिवस’ का भव्य आयोजन होने जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहेंगे।
समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने जानकारी दी कि इस कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से विमुक्त जाति के लोग शामिल होंगे, जो सामाजिक समावेश और सशक्तीकरण का प्रतीक होगा।
‘विमुक्त जाति दिवस’ का ऐतिहासिक महत्व है। 31 अगस्त 1952 को भारत सरकार ने अंग्रेजों के काले कानून ‘क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट’ को समाप्त किया था, जिसने कई समुदायों को अपराधी घोषित कर उनके अधिकार छीन लिए थे।
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार इस दिन को ‘विमुक्त जाति दिवस’ के रूप में मनाकर इन समुदायों को सम्मान और नई पहचान दे रही है। योगी सरकार विमुक्त जातियों के उत्थान के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में कई योजनाएं लागू कर रही है। इसके तहत विमुक्त जातियों को पट्टे पर भूमि आवंटन की सुविधा भी दी जा रही है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
उन्होंने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने विमुक्त जातियों के लिए समावेशी विकास को प्राथमिकता दी है। समाज कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाएं इन समुदायों को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान कर रही हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और आवासीय योजनाओं के माध्यम से उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का प्रयास किया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि योगी सरकार का उद्देश्य है कि विमुक्त जाति के लोग समाज की मुख्यधारा में शामिल हों और उनके बच्चे उच्च शिक्षा और प्रशासनिक सेवाओं में स्थान बनाएं। यह कार्यक्रम सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के साथ-साथ विमुक्त जातियों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता को भी प्रकट करेगा। योगी सरकार की यह पहल विमुक्त जाति समुदाय के लिए नई आशा और अवसरों का प्रतीक है, जो उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।