क्या गोरखनाथ मंदिर में सीएम योगी ने कन्या पूजन कर मातृ शक्ति को सम्मानित किया?

सारांश
Key Takeaways
- कन्या पूजन का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक है।
- सीएम योगी का कन्याओं के प्रति सम्मान उन्हें विशेष बनाता है।
- बटुक और कन्याओं के अनुभवों से पूजा की महत्ता समझ में आती है।
- गोरखनाथ मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र है।
- नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा की आराधना का महत्व।
गोरखपुर, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शारदीय नवरात्र की महानवमी पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को गोरखनाथ मंदिर में पारंपरिक तरीके से कन्या पूजन कर मातृ शक्ति के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा व्यक्त की।
गोरक्षपीठ की परंपरा का पालन करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने नौ दुर्गा स्वरूपा कन्याओं के पांव पखारे, उनका पूजन किया, चुनरी ओढ़ाई, आरती उतारी और श्रद्धापूर्वक भोजन कराकर दक्षिणा व उपहार अर्पित किए। इस विशेष अवसर पर उन्होंने बटुक पूजन भी किया।
बटुक और कन्याओं ने अपने अनुभव को राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत के दौरान साझा किया।
बटुक चिराग प्रताप ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि मैं सीएम योगी आदित्यनाथ का आशीर्वाद लेने आया था। उनसे मुलाकात और आशीर्वाद लेने के बाद मुझे बहुत अच्छा लगा। जब मेरी उनसे मुलाकात हुई तो उन्होंने पूछा, "तुम्हारा नाम क्या है?" मैंने अपना नाम बताया, उसके बाद महाराज जी ने पूछा कि "क्या खाए हो?"
वहीं, कन्या पूजन में आई कनिष्का अग्रवाल ने बताया कि मैं जब तीन साल की थी तब से यहाँ आती हूँ। हर साल कुछ नया होता है, अलग अनुभव मिलता है। जब मैं छोटी थी तब सीएम योगी ने मेरे पैर धुलाए थे और मुझे कन्या के रूप में पूजन किया था। जब उनसे बातचीत होती है तो वह नई-नई बातें बताते हैं। पूजन के दौरान वह बक्से और बोतलें देते हैं। सीएम योगी कन्या पूजन में खाना और पैसा भी देते हैं।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "शारदीय नवरात्रि की महानवमी तिथि के पुनीत अवसर पर आज गोरखपुर में शक्ति स्वरूपा कन्याओं का पूजन किया। अखिल सृष्टि की आराध्या जगज्जननी मां दुर्गा की असीम कृपा से प्रदेश वासियों का जीवन सुख, समृद्धि, आरोग्यता और शांति से आलोकित हो, यही प्रार्थना है।"