क्या प्रदेश कानून व्यवस्था, तकनीक और संवेदना के नए युग की ओर बढ़ रहा है? : सीएम योगी

सारांश
Key Takeaways
- शहीदों का बलिदान प्रदेश की अमूल्य पूंजी है।
- पुलिस विभाग के लिए बजट 4,061.87 करोड़ रुपये स्वीकृत किया गया है।
- महिला सुरक्षा के लिए 78 महिला पुलिस चौकियाँ स्थापित की गई हैं।
- पुलिसकर्मियों के लिए कई योजनाएं और आर्थिक सहायता दी जा रही है।
- पुलिस मुठभेड़ों में 257 दुर्दांत अपराधी मारे गए हैं।
लखनऊ, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस समारोह में प्रदेश पुलिस के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने कहा कि शहीदों का बलिदान प्रदेश और देश की अमूल्य पूंजी है, जिसे हम कभी नहीं भूल सकते। उनकी यादें हमें कर्तव्यनिष्ठा, अनुशासन और जनसेवा का अमर संदेश देती हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश पुलिस ने अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपराध नियंत्रण, कानून-व्यवस्था सुदृढ़ीकरण और महिला सुरक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 4,061.87 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक है। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2024-25 के दौरान उत्तर प्रदेश के तीन बहादुर पुलिसकर्मियों, एसटीएफ निरीक्षक सुनील कुमार, मुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार सिंह (जौनपुर) और आरक्षी सौरभ कुमार (गौतमबुद्ध नगर) ने अपने प्राणों की आहुति दी।
मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों को यकीन दिलाया कि राज्य सरकार उनके कल्याण के लिए पूरी संवेदनशीलता से हर कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि 96 पुलिस कर्मियों (केंद्रीय बलों एवं अन्य राज्यों के मूल निवासी यूपी के पुलिसकर्मी सहित) को कुल 30.70 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पुलिस बल के मनोबल, कार्यकुशलता और व्यावसायिक दक्षता को सशक्त करने के लिए कई अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मियों की सेवानिवृत्ति और मृत्यु के उपरांत 90 प्रतिशत जीपीएफ के 2,511 प्रकरणों का भुगतान किया गया, जबकि उत्तर प्रदेश सामान्य भविष्य निधि नियमावली 1985 के अंतर्गत पुलिस मुख्यालय संभाग के 108 पुलिस कार्मिकों को अग्रिम धनराशि स्वीकृत की गई।
234 पुलिसकर्मियों के मेधावी बच्चों को 51.10 लाख रुपये की छात्रवृत्ति दी गई तथा 1.12 करोड़ रुपये की अतिरिक्त स्वीकृति प्रदान की गई। स्वास्थ्य सुरक्षा के तहत चिकित्सा प्रतिपूर्ति संबंधी 519 मामलों में 11.85 करोड़ रुपये की चिकित्सा प्रतिपूर्ति दी गई, जबकि 170 कर्मियों को जीवन रक्षक निधि से 6.64 करोड़ रुपये अग्रिम दिए गए। 374 मृतक पुलिस कर्मियों के आश्रितों को 11.86 करोड़ की बीमा धनराशि और 124 आश्रितों को बैंक ऑफ बड़ौदा के ‘बड़ौदा पुलिस सैलरी पैकेज’ से 67.76 करोड़ रुपये का भुगतान कराया गया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों के सम्मान में 34 कर्मियों को राष्ट्रपति वीरता पदक, 11 को विशिष्ट सेवा पदक और 145 को सराहनीय सेवा पदक मिले हैं। गृह मंत्रालय ने 763 कर्मियों को उत्कृष्ट सेवा पदक, जबकि 486 को सराहनीय सेवा पदक प्रदान किए हैं। मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक तीन राजपत्रित अधिकारियों को प्रदान किए गए।
पुलिस महानिदेशक द्वारा 90 राजपत्रित और 404 अराजपत्रित कर्मियों को सम्मान चिन्ह प्रदान किए गए। वहीं 35 प्लेटिनम, 115 गोल्ड और 789 सिल्वर प्रशंसा चिन्ह भी दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी पुलिस ने भर्ती और प्रशिक्षण में रिकॉर्ड उपलब्धियां हासिल की हैं। वर्ष 2017 से अब तक 2.09 लाख पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई है, जिनमें 34,000 महिलाएं शामिल हैं। राजपत्रित स्तर पर 1.52 लाख से अधिक पदोन्नतियां दी गई हैं। वर्तमान में 28,154 पदों पर भर्ती और 2,391 पर पदोन्नति प्रक्रिया जारी है।
उन्होंने बताया कि 60,244 नवनियुक्त पुलिसकर्मियों को हाइब्रिड मॉडल पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 4,061.87 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक है। इसमें डायल-112 वाहनों की खरीद के लिए 210 करोड़, उपकरणों के लिए 272.75 करोड़ और पुलिस आधुनिकीकरण योजना के लिए 53.88 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राज्य निधि से 317 निर्माण कार्यों के लिए 900 करोड़ रुपये से अधिक स्वीकृत किए गए, जिनमें से 635 करोड़ से 140 कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
पुलिस के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। पुलिस के विभिन्न श्रेणी के 31 हजार पदों का सृजन किया गया है। अयोध्या, मिर्जापुर, चंदौली और सिद्धार्थनगर में 78 महिला पुलिस चौकियाँ, परामर्श केंद्र तथा प्रत्येक जनपद में एक-एक महिला थाना भी स्वीकृत किया गया है। 107 थानों में आर्थिक अपराध इकाई, 40 थानों में मानव तस्करी निवारण यूनिट, 75 साइबर क्राइम थाने और 6 एंटी-नारकोटिक्स थाने स्थापित किए गए हैं। साथ ही क्षेत्र स्तर पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन की यूनिट की स्थापना को भी स्वीकृति प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से अब तक 15,000 से अधिक पुलिस मुठभेड़ों में 257 दुर्दांत अपराधी मारे गए, 10,000 से अधिक घायल हुए, जबकि 1,745 पुलिसकर्मी भी घायल हुए। 20 मार्च 2017 से अब तक 26,920 अपराधियों पर गैंगस्टर एक्ट और 961 पर एनएसए के तहत कार्रवाई हुई। 14,467 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई और 68 माफियाओं तथा उनके 2,000 से अधिक साथियों के विरुद्ध कार्रवाई हुई। उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ के तहत 69 अपराधियों को मृत्युदंड और 8,501 को आजीवन कारावास की सजा दिलाई गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘अग्निवीरों’ को उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी, घुड़सवार आरक्षी एवं फायरमैन की सीधी भर्ती में भूतपूर्व सैनिकों की तरह, अपनी सेवा अवधि को घटाते हुए अधिकतम आयु में 3 वर्ष की छूट तथा 20 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की स्वीकृति भी प्रदान की गई है। सीएम योगी ने बताया कि लखनऊ में 1930 वूमेन हेल्पलाइन सेंटर स्थापित किया गया है, जिसकी कॉल क्षमता 40,000 से बढ़कर 1.60 लाख कॉल प्रति माह हुई है।