क्या कांग्रेस और उसके सहयोगी विघटनकारी राजनीति में लिप्त हैं? : अपराजिता सारंगी

सारांश
Key Takeaways
- ओडिशा बंद की आलोचना की गई है।
- कांग्रेस पर विघटनकारी राजनीति का आरोप।
- महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए गए हैं।
- भाजपा की मंशा पर विश्वास व्यक्त किया गया है।
- राजनीतिक दलों को आत्मचिंतन की आवश्यकता है।
भुवनेश्वर, १७ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने गुरुवार को कांग्रेस और सात अन्य विपक्षी दलों द्वारा आयोजित ओडिशा बंद की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे बालासोर छात्रा की मौत के मामले में सकारात्मक समाधान प्रदान करने के बजाय राजनीतिक अशांति फैलाने का प्रयास बताया।
सारंगी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि १४ जुलाई को एफएम कॉलेज की एक युवा छात्रा की मौत ने हम सभी को गहरा सदमा पहुंचाया है। सरकार ने अपने संवैधानिक और प्रशासनिक ढांचे के भीतर स्थिति का समाधान किया है। मुख्यमंत्री ने इस घटना का त्वरित संज्ञान लिया और कॉलेज के एक शिक्षक को निलंबित करते हुए गिरफ्तार किया गया। लेकिन, शांति बहाल करने या सकारात्मक समाधान प्रस्तुत करने के बजाय, कांग्रेस और उसके सहयोगी विघटनकारी राजनीति में लिप्त हैं।
उन्होंने ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग को निंदनीय बताते हुए इसे ध्यान भटकाने वाली रणनीति कहा। सारंगी ने आगे कहा कि ऐसा आचरण अस्वीकार्य है। यह सड़क पर राजनीति करने का समय नहीं है, बल्कि इन दलों के लिए गंभीर आत्मचिंतन का समय है।
कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ४० वर्षों तक सत्ता में रहकर और बीजद ने २४ वर्षों तक शासन किया। महिलाओं के लिए सुरक्षित और सक्षम माहौल बनाने में उन्होंने क्या योगदान दिया? तब उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास क्यों नहीं किया?
सारंगी ने कहा कि यदि आप इन पार्टियों के भ्रष्टाचार के संबंध में बात करेंगे, तो कई अपराधों के राज खुल जाएंगे। उन्हें मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली सरकार पर सवाल उठाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने राज्य भर में न्याय सुनिश्चित करने और महिलाओं की सुरक्षा में सुधार लाने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की मंशा और क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया।