क्या कांग्रेस चुनाव हारने पर चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराती है?
सारांश
Key Takeaways
- रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर चुनाव हारने पर आयोग को दोष देने का आरोप लगाया।
- कांग्रेस का हालिया प्रदर्शन बिहार में कमजोर रहा।
- विपक्ष के नेताओं द्वारा चुनाव आयोग पर उठाए गए सवालों का महत्व है।
नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में बुधवार को चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर कड़ा हमला किया। उन्होंने विपक्ष पर यह आरोप लगाया कि वे केवल चुनाव हारने के बाद ही चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हैं।
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, “जब विपक्ष चुनाव में हारता है, तो वह तुरंत चुनाव आयोग और पूरी चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना शुरू कर देता है। अगर लोग आपको वोट नहीं दे रहे हैं, तो हम क्या कर सकते हैं?”
हाल ही में बिहार विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर तंज कसते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, “कांग्रेस और उसके नेताओं की विशाल रैलियों और एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) की चर्चा के बावजूद, बिहार की जनता ने उन्हें कम सीटें दी हैं। जनता भाजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किए गए विकास कार्यों को देखती है और हमें वोट देती है। यही सच्चाई है।”
रविशंकर ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के भाषण पर आपत्ति जताते हुए लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि उनके द्वारा कही गई बातें रिकॉर्ड से हटा दी जाएं, क्योंकि वेणुगोपाल सुप्रीम कोर्ट में एक पक्ष हैं जिन्होंने एसआईआर को चुनौती दी है।
उन्होंने कहा कि केसी वेणुगोपाल खुद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले में याचिकाकर्ता हैं। जो व्यक्ति इसी विषय पर सुप्रीम कोर्ट गया है, उसे इस सदन में बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। मैं अध्यक्ष से अनुरोध करता हूं कि उनके पूरे भाषण को रिकॉर्ड से हटा दिया जाए।
गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि चुनाव आयोग ‘वोट चोरी’ जैसे राष्ट्रविरोधी कृत्यों को रोकने के बजाय उसे बढ़ावा दे रहा है।
वेणुगोपाल ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा सोचती है कि वह ईडी, सीबीआई, चुनाव आयोग और अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल करके देश पर शासन कर सकती है। लेकिन अंतिम निर्णय इस देश की जनता ही लेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि आज भाजपा देशभक्ति की बातें करती है, जबकि उनके पूर्वजों ने स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के खिलाफ कभी लड़ाई नहीं लड़ी।