क्या सांस्कृतिक विकृति ही कांग्रेस की संस्कृति है? वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस का विवादित बयान और उस पर बीजेपी की प्रतिक्रिया।
- सांस्कृतिक विकृति की धारणा और इसके राजनीतिक प्रभाव।
- वीएचपी के प्रवक्ता विनोद बंसल की टिप्पणी।
नई दिल्ली, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के अशोकनगर में न्याय सत्याग्रह के दौरान कांग्रेस नेता द्वारा दिए गए विवादास्पद बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखा हमला किया है। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि सांस्कृतिक विकृति ही कांग्रेस की पहचान है।
वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "कांग्रेस जातिवाद के विष को पूरे भारत में फैलाना चाहती है। इसकी शुरुआत से ही मुस्लिम और जिहादी तुष्टिकरण के द्वारा हिंदुओं को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाकर रखा गया है। अब यह हिंदुओं को नए-नए नामों से संबोधित कर रहे हैं। इसमें किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए, यह उनकी पुरानी नीति का हिस्सा है। सांस्कृतिक विकृति ही कांग्रेस की संस्कृति है। अशोक नगर जैसी पवित्र भूमि, जिसका नाम सम्राट अशोक के नाम पर रखा गया है, उसे कम से कम उस नाम की मर्यादा का सम्मान करना चाहिए था। बेकार की बातों के जरिए ऊंची पब्लिसिटी लेना कांग्रेस का हमेशा से उद्देश्य रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "एक ओबीसी समुदाय के व्यक्तियों को आपस में लड़ाने और वहां अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का प्रयास करना। बाद में जब वे फर्जी साबित होते हैं और एफआईआर दर्ज होती है, तो एकजुट होकर संघ पर आरोप लगाते हैं। जब-जब उन्होंने विरोध प्रदर्शन किए हैं, तब-तब उनकी कलई खुल गई। कांग्रेस को आत्मविश्लेषण करना चाहिए।"
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम का गलत उच्चारण करने के लिए विनोद बंसल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "यह कांग्रेस की जिहादी मानसिकता का प्रतिबिंब है। यह एक नहीं, बल्कि दो-दो राष्ट्रपतियों का अपमान कर रहे हैं। जिस पार्टी के अध्यक्ष को अपने राष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति के नाम का सही पता नहीं है, या जानबूझकर उनका मजाक उड़ाने का प्रयास किया गया है, वह पहली बार नहीं हुआ है। कांग्रेस एक हाथ में संविधान और दूसरे हाथ से उसकी हत्या करती है। कांग्रेस को कुसंस्कृति, कुसंस्कार और हिंदू विरोधी मानसिकता से उबरना चाहिए। उन्हें कम से कम राष्ट्रपति को बख्श देना चाहिए था। कांग्रेस को भगवान सद्बुद्धि दें।