क्या जातीय जनगणना ऐतिहासिक कदम है, कांग्रेस क्यों अपना रही है दोहरी नीति? : तरुण चुघ

सारांश
Key Takeaways
- जातीय जनगणना का महत्व
- कांग्रेस की दोहरी नीति
- कर्नाटक की भगदड़ के असली दोषी
- भाजपा की नीतियों का विश्लेषण
- सामाजिक न्याय की आवश्यकता
नई दिल्ली, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कांग्रेस पार्टी पर जातीय जनगणना और कर्नाटक के चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ के मामले में कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने दशकों तक वंचित वर्गों को हाशिए पर रखा है और अब भी वह जातीय जनगणना के मुद्दे पर दोहरा रवैया अपना रही है।
चुघ ने कहा, "कांग्रेस लगातार जातीय जनगणना पर सवाल उठा रही है, लेकिन उनकी नीयत पर सवाल उठना स्वाभाविक है। यह वही पार्टी है, जिसने पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय काका कालेलकर आयोग की रिपोर्ट को दबाया। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने मंडल आयोग का विरोध किया और इसे लागू नहीं होने दिया। राजीव गांधी ने संसद में खड़े होकर मंडल आयोग की सिफारिशों का डटकर विरोध किया था। आज भारत का सदन इस बात का गवाह है।"
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा, "स्वतंत्र भारत में पहली बार जातीय, सामाजिक और आर्थिक जनगणना एक साथ हो रही है। यह एक ऐतिहासिक कदम है, लेकिन कांग्रेस इस पर सवाल उठा रही है। कांग्रेस बजट की बात करती है, लेकिन उनके लंबे शासनकाल में जातीय जनगणना की पहल तक नहीं की गई। उनके पास न नीति थी, न नीयत। भाजपा की नीतियां सभी जातियों के सम्मान और उत्थान के लिए समर्पित हैं। कांग्रेस की सोच सिर्फ एक शाही परिवार के उत्थान और वोट बैंक के तुष्टिकरण तक सीमित है।"
कर्नाटक के चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत और 75 से अधिक के घायल होने की घटना पर भी उन्होंने कांग्रेस सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, "इस भगदड़ के असल दोषी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके. शिवकुमार और उनके सहयोगी हैं। जब स्टेडियम के बाहर लोग मर रहे थे, तब ये लोग अंदर रील बनाने और फोटोशूट में व्यस्त थे।"
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने अपनी गलतियों से ध्यान हटाने के लिए पुलिस आयुक्त को बलि का बकरा बनाया। जवाबदेही का दावा झूठा है। अगर वास्तव में जवाबदेही होती, तो मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पहले इस्तीफा देते और सभी दोषियों पर मुकदमा दर्ज होता। कांग्रेस सरकार की संवेदनहीनता और दिखावटी रवैये से जनता अब तंग आ चुकी है।