क्या कांग्रेस नाम की राजनीति करने के बजाय सकारात्मक बदलावों पर ध्यान देगी?

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क्या कांग्रेस नाम की राजनीति करने के बजाय सकारात्मक बदलावों पर ध्यान देगी?

सारांश

क्या कांग्रेस नाम की राजनीति करने के बजाय सकारात्मक बदलावों पर ध्यान देने की आवश्यकता महसूस कर रही है? भाजपा-एनडीए के नेताओं का कहना है कि कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है जबकि सरकार रोजगार और आजीविका बढ़ाने में जुटी है। जानिए इस सियासी बवाल के पीछे का सच।

Key Takeaways

  • मनरेगा के नाम में बदलाव पर सियासी बयानबाजी बढ़ी।
  • कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है जबकि सरकार सकारात्मक बदलावों पर काम कर रही है।
  • भाजपा का कहना है कि कांग्रेस नामों की राजनीति में उलझी है।

नई दिल्ली, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मनरेगा के नाम में परिवर्तन को लेकर सियासी बवाल बढ़ गया है। कांग्रेस द्वारा देशभर में प्रदर्शन की घोषणा के बीच भाजपा-एनडीए के नेताओं ने विपक्ष पर तीखा हमला किया है। भाजपा सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि कांग्रेस नामों की राजनीति में उलझी हुई है, जबकि सरकार जमीनी स्तर पर रोजगार और आजीविका बढ़ाने पर काम कर रही है।

भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने 'विकसित भारत - जी राम जी' बिल पर कांग्रेस के विरोध को निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष की असली समस्या यह है कि रोजगार के दिनों को 100 से बढ़ाकर 125 कर दिया गया है। अब इस योजना का नाम 'विकसित भारत रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन - ग्रामीण' कर दिया गया है।

संजय जायसवाल ने कहा कि इतने लंबे नाम के बाद कांग्रेस इसे और कितना लंबा करना चाहती है। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस सरकार के समय इस योजना का नाम पहले जवाहर योजना, फिर राष्ट्रीय गारंटी योजना सहित सात बार बदला गया था, तब भाजपा ने कभी विरोध नहीं किया। अब जब योजना को नए फॉर्मेट में प्रस्तुत किया जा रहा है, तो इसे विवादित बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

इथियोपिया द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिए जाने पर भी संजय जायसवाल ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को इससे पहले जॉर्डन सहित कई देशों में सम्मान मिल चुका है। दुनिया के 50 से अधिक देश प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी नीतियों, कूटनीतिक सोच, राजनीतिक समझ और वैश्विक भाईचारे की भावना को पहचानते हैं।

ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियों को लेकर संजय जायसवाल ने तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं की हमेशा से इच्छा रही है कि भारत को नुकसान पहुंचे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि खराब हो। राहुल गांधी जहां भी जाते हैं, भारत की बुराई करते हैं और इसी में उन्हें संतोष मिलता है।

मनरेगा के नाम परिवर्तन पर कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने भी कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की एकमात्र चिंता 'गांधी' नाम को लेकर है, चाहे प्रियंका गांधी हों, राहुल गांधी हों, इंदिरा गांधी हों, संजय गांधी हों या राजीव गांधी हों। उनका मानना है कि सिर्फ इन्हीं नामों का महत्व होना चाहिए। उन्हें न बापू की चिंता है और न ही गरीबों की आजीविका की।

भाजपा सांसद मनोज तिग्गा ने भी कहा कि मनरेगा का नाम पहले भी बदला जा चुका है। असली मुद्दा यह है कि सरकार ने रोजगार के दिनों को 100 से बढ़ाकर 125 कर दिया है, जिससे लोगों को अधिक काम मिलेगा और आय के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को नाम पर राजनीति करने के बजाय इन सकारात्मक बदलावों पर ध्यान देना चाहिए।

तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसद लावु श्रीकृष्ण देवरायलु ने कहा कि मनरेगा में संशोधन को लेकर पहले से चर्चा चल रही थी। अब जब संशोधन हो रहा है, तो विपक्ष को विरोध करने के बजाय यह बताना चाहिए कि इस बिल को और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है। ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण के बयान पर उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सेना का अपमान है। देश की सेवा में जवानों ने अपनी जान कुर्बान की है और पूरी जिंदगी देश को समर्पित की है।

भाजपा सांसद हेमांग जोशी ने भी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने भारत की आलोचना करने में कभी संकोच नहीं किया। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर मनरेगा का नाम बदलना कांग्रेस के लिए इतना बड़ा मुद्दा है और वे पूरे देश में प्रदर्शन करना चाहते हैं, तो राहुल गांधी विदेश यात्रा पर क्यों हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता अब कांग्रेस की राजनीति को समझने लगी है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीति का सही उद्देश्य जनता के लिए सकारात्मक बदलाव लाना है। कांग्रेस और भाजपा दोनों को चाहिए कि वे नाम की राजनीति से हटकर वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें।
NationPress
17/12/2025

Frequently Asked Questions

मनरेगा का नाम क्यों बदला गया?
मनरेगा का नाम बदलने का उद्देश्य योजना को और अधिक प्रभावी बनाना है। अब रोजगार के दिनों की संख्या भी बढ़ाई गई है।
कांग्रेस का प्रदर्शन किस बात को लेकर है?
कांग्रेस का प्रदर्शन मनरेगा के नाम में परिवर्तन और रोजगार के दिनों में वृद्धि के खिलाफ है।
भाजपा का इस मामले में क्या कहना है?
भाजपा का कहना है कि कांग्रेस नामों की राजनीति में उलझी है, जबकि सरकार जमीनी स्तर पर काम कर रही है।
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