क्या कांग्रेस पार्टी की हताशा को दर्शाता है आरएसएस पर बैन लगाने की मांग करना?

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क्या कांग्रेस पार्टी की हताशा को दर्शाता है आरएसएस पर बैन लगाने की मांग करना?

सारांश

गुवाहाटी में कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने आरएसएस पर बैन लगाने की मांग की, जिसे भाजपा ने हताशा का प्रतीक माना। जानें, इस मुद्दे का क्या है राजनीतिक महत्व।

Key Takeaways

  • प्रियांक खड़गे ने आरएसएस पर बैन लगाने की मांग की।
  • भाजपा ने इसे कांग्रेस की हताशा बताया।
  • यह बयान कर्नाटक की राजनीति से ध्यान हटाने का प्रयास हो सकता है।
  • आरएसएस के प्रति कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।

गुवाहाटी, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने की मांग ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं। भाजपा ने प्रियांक खड़गे के इस बयान की तीखी आलोचना की है और कहा है कि कांग्रेस के पास कोई ठोस राजनीतिक मुद्दा नहीं है। उनका यह बयान कांग्रेस पार्टी की हताशा को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

भाजपा के नेता नलिन कोहली ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बयान है, जो कांग्रेस पार्टी की हताशा को दर्शाता है। कांग्रेस का एक वरिष्ठ नेता आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहा है और उसकी तुलना आतंकवादी संगठन से कर रहा है। यह तुलना किस आधार पर की जा रही है? यह वही आधारहीन राजनीति है, जो कांग्रेस लगातार करती आ रही है। इससे साफ पता चलता है कि कांग्रेस के पास कोई ठोस राजनीतिक मुद्दा नहीं है और वे कर्नाटक की राजनीति से ध्यान हटाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं।"

हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने आरएसएस पर बैन लगाने की मांग की थी।

प्रियांक खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा था, "विश्वास कीजिए, जिस दिन मुझे पर्याप्त शक्ति मिलेगी, मैं आरएसएस की जहरीली, राष्ट्र-विरोधी मशीनरी को नष्ट करने के लिए हर संवैधानिक टूल का इस्तेमाल करूंगा।"

मंगलवार को उन्होंने अपने बयान पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा था, "आरएसएस को संविधान से एलर्जी है। जब बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने संविधान सभा में इसका (संविधान) प्रस्ताव रखा, तब से उन्हें इससे दिक्कत है। आरएसएस को मनुस्मृति से प्यार है। संविधान में अगर कोई संशोधन आएगा भी तो वह सिर्फ आर्थिक होगा। सामाजिक सशक्तीकरण की बात होगी, न कि देश को बांटने के लिए कोई संशोधन किया जाएगा। क्या हम एक सोशलिस्ट देश नहीं हैं? क्या हम एक सेक्युलर देश नहीं हैं, तो वो इसके खिलाफ क्यों हैं? क्योंकि ये आरएसएस का एजेंडा है, वन नेशन वन रिलीजनआरएसएस पहले भी बैन हुआ था, ये प्रतिबंध हटाना हमारी गलती थी।"

Point of View

राजनीतिक संवाद को बढ़ावा देना आवश्यक है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

प्रियांक खड़गे ने आरएसएस पर बैन क्यों लगाया है?
प्रियांक खड़गे ने आरएसएस को राष्ट्र-विरोधी बताया और इसे बैन करने की मांग की है।
भाजपा का इस पर क्या कहना है?
भाजपा ने इसे कांग्रेस की हताशा का प्रतीक बताया है और खड़गे के बयान की आलोचना की है।
क्या आरएसएस पर बैन लगाना संभव है?
यह एक विवादित विषय है और राजनीतिक दृष्टिकोण से इसकी संभावना कम लगती है।