क्या संविधान की प्रति जेब में रखकर संवैधानिक पद पर हमला करना विरोधाभाषी है?: गजेंद्र सिंह शेखावत

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क्या संविधान की प्रति जेब में रखकर संवैधानिक पद पर हमला करना विरोधाभाषी है?: गजेंद्र सिंह शेखावत

सारांश

क्या गजेंद्र सिंह शेखावत ने राहुल गांधी पर तंज कसा है? जानिए संविधान की प्रति जेब में रखना और संवैधानिक संस्थाओं पर हमला करना कितना विरोधाभाषी है। इस लेख में जानें इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री की क्या राय है।

Key Takeaways

  • संविधान की प्रति जेब में रखना और उस पर हमला करना विरोधाभाषी है।
  • आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों का हनन हुआ था।
  • संसद एक प्‍लेटफार्म है, जहां रचनात्मक विचार-विमर्श होना चाहिए।

नई दिल्‍ली, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए जा रहे आरोपों पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने तीखा जवाब दिया है। शेखावत ने कहा कि संविधान की एक प्रति जेब में रखना और साथ ही संवैधानिक संस्थाओं पर हमला करना बेहद विरोधाभाषी है।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि संविधान की एक प्रति जेब में रखना और संविधानिक संस्थाओं पर हमला कर उनके पवित्रता को कम करना वास्तव में विरोधाभासी है। इस समय मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण चल रहा है, जो कि पहले ही बार नहीं है, बल्कि देश में चौथी बार ऐसा हो रहा है। ऐसे में इस प्रकार की अनुचित टिप्पणियाँ उनकी अपनी विश्वसनीयता को घटाती हैं।

संसद के आगामी मानसून सत्र पर शेखावत ने कहा कि मेरा मानना है कि देश के सामने कई महत्वपूर्ण और प्रासंगिक मुद्दे हैं, जिन पर खुली चर्चा और संवाद होना आवश्यक है। संसद संवाद का एक प्‍लेटफार्म है। मुझे पूरी उम्मीद है कि इसका उपयोग रचनात्मक विचार-विमर्श के लिए किया जाएगा, न कि इसे व्यवधान या अराजकता का मंच बनाया जाएगा।

आपातकाल पर शेखावत ने कहा कि जब देश के संविधान की हत्या की गई थी, उस समय के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने पद की चाहत में देश के सभी मूल स्तंभों को ध्वस्त कर आपातकाल लागू किया था। आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों का हनन हुआ। आंदोलन का नेतृत्व करने वाले जयप्रकाश नारायण की गिरफ्तारी के बाद, प्रभाष जोशी ने सशक्त और विचारोत्तेजक लेख लिखे, जिन्होंने देश को जागृत किया और लोकतंत्र की बहाली के लिए लोगों को एकजुट किया।

प्रभाष जोशी स्मारक व्याख्यान ‘इमरजेंसी के 50 साल: अनुभव, अध्ययन और सबक’ विषय पर आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और विशिष्ट अतिथि मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल उपस्थित रहे।

इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रभाष जोशी की जन्म जयंती के अवसर पर हम उन्हें याद कर रहे हैं। मुझे छात्र राजनीति के दौरान उनसे दो बार मिलने का अवसर मिला। उनके विचारों ने मुझे गहरा प्रभाव डाला, जो मेरे जीवन के लिए अमूल्य सिद्ध हुआ। जब 'संविधान हत्या' का शब्द चुना गया तो इस पर बहुत विचार-विमर्श किया गया। यह शब्द बहुत कठोर था, लेकिन गहन विचार करने के बाद इसे चुना गया।

Point of View

बल्कि यह संविधान और लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा के लिए भी आवश्यक है। इस प्रकार की टिप्पणियाँ एक स्वस्थ लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने का कार्य करती हैं।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

गजेंद्र सिंह शेखावत ने राहुल गांधी के आरोपों पर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि संविधान की प्रति जेब में रखना और संवैधानिक पद पर हमला करना विरोधाभाषी है।
आपातकाल के दौरान क्या हुआ था?
आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों का हनन किया गया और देश के संविधान को ध्वस्त किया गया।
संसद में किस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए?
शेखावत का मानना है कि संसद में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुली चर्चा होनी चाहिए।