क्या दिल्ली विधानसभा स्पीकर ने प्रधानमंत्री मोदी को संसदीय विरासत की पुस्तक भेंट की?

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क्या दिल्ली विधानसभा स्पीकर ने प्रधानमंत्री मोदी को संसदीय विरासत की पुस्तक भेंट की?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता से मुलाकात की। इस दौरान स्पीकर ने उन्हें संसदीय विरासत पर आधारित एक खास कॉफी टेबल बुक भेंट की, जो भारतीय लोकतंत्र के इतिहास को समेटे हुए है। इस पुस्तक में महत्वपूर्ण घटनाओं और तस्वीरों का संग्रह है, जो दर्शाता है कि दिल्ली विधानसभा ने कैसे लोकतंत्र को आकार दिया।

Key Takeaways

  • दिल्ली विधानसभा की संसदीय विरासत पर आधारित विशेष कॉफी टेबल बुक
  • वीर विट्ठलभाई पटेल को समर्पित
  • एक सदी की लोकतांत्रिक यात्रा का दस्तावेज
  • भारत की पहली राज्य असेंबली का रियल-टाइम ऑडिट सिस्टम
  • दिल्ली विधानसभा का भविष्य में हेरिटेज साइट में परिवर्तन

नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता से मुलाकात की। इस अवसर पर, स्पीकर ने उन्हें दिल्ली विधानसभा की संसदीय विरासत पर आधारित एक विशेष कॉफी टेबल बुक भेंट की।

‘दिल्ली लेजिस्लेटिव असेंबली प्रेजेंट्स शताब्दी-यात्रा, वीर विट्ठलभाई पटेल’ नामक यह किताब सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली के पहले भारतीय स्पीकर विट्ठलभाई पटेल को समर्पित की गई है। यह पुस्तक 1925 से 2025 तक भारत की पार्लियामेंट्री यात्रा का ऐतिहासिक दस्तावेज है और विट्ठलभाई पटेल को समर्पित की गई है।

गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि यह कॉफी टेबल बुक भारत के लेजिस्लेटिव और डेमोक्रेटिक बदलाव की एक सदी लंबी यात्रा को संजोए हुए है। उन्होंने कहा कि यह वॉल्यूम दुर्लभ आर्काइवल तस्वीरों, ऐतिहासिक दस्तावेजों और उन खास पलों को एकत्रित करता है जिन्होंने 20वीं सदी की शुरुआत से भारतीय डेमोक्रेसी को आकार दिया है।

कॉफी टेबल बुक की एक विशेषता 2025 ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस का विस्तृत दस्तावेज है। यह कॉन्फ्रेंस विट्ठलभाई पटेल के सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली के पहले भारतीय स्पीकर के रूप में चुने जाने के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित की गई थी। यह एक मील का पत्थर था जिसने भारत की आधुनिक पार्लियामेंट्री परंपराओं की नींव रखी।

गुप्ता ने बातचीत के दौरान पीएम मोदी को बताया कि असेंबली का ऑडिट पैरा मॉनिटरिंग सिस्टम (एपीएमएस) अब नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली सरकार के भीतर पूरी तरह से सक्रिय है, जिससे दिल्ली शायद देश की पहली राज्य असेंबली बन गई है जिसने इतना बड़ा रियल-टाइम ऑडिट मॉनिटरिंग पोर्टल लागू किया है।

उन्होंने प्रधानमंत्री को नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन जैसी परिवर्तनकारी पहलों के बारे में भी जानकारी दी, जिसके माध्यम से दिल्ली विधानसभा पूरी तरह से डिजिटल और पेपरलेस बन गई है, और विधानसभा को पूरी तरह से सोलर पावर से संचालित ग्रीन विधानसभा में सफलतापूर्वक बदलने की योजना बनाई गई है।

गुप्ता ने प्रधानमंत्री मोदी को यह भी बताया कि दिल्ली विधानसभा को एक विशेष हेरिटेज साइट में बदलने की तैयारी चल रही है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए अपनी समृद्ध लोकतांत्रिक विरासत को संजोएगी।

उन्होंने कहा कि यह पहल आम जनता के लिए इसके ऐतिहासिक दरवाजे खोलेगी, जिससे नागरिक इस संस्था की शानदार यात्रा और भारत के लोकतांत्रिक ढांचे में इसके स्थायी योगदान का अनुभव कर सकेंगे।

Point of View

यह घटना बताती है कि कैसे भारत की विधानसभाएँ अपने इतिहास और विरासत को संजोए रखते हुए आगे बढ़ रही हैं। दिल्ली विधानसभा की यह पहल न केवल अपने अतीत को सम्मानित करती है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनेगी।
NationPress
13/12/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली विधानसभा की पुस्तक में क्या शामिल है?
इस पुस्तक में भारतीय लोकतंत्र की यात्रा, दुर्लभ तस्वीरें और ऐतिहासिक दस्तावेज शामिल हैं।
किताब का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य दिल्ली विधानसभा की संसदीय विरासत को संजोना और आम जनता को इस इतिहास से जोड़ना है।
क्या यह पुस्तक डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध है?
अभी तक इसकी डिजिटल उपलब्धता की जानकारी नहीं मिली है।
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