क्या कांग्रेस ने ईसीआई को पत्र लिखा, 'वोटर लिस्ट से हटाए गए नामों का विवरण क्यों मांगा'?

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क्या कांग्रेस ने ईसीआई को पत्र लिखा, 'वोटर लिस्ट से हटाए गए नामों का विवरण क्यों मांगा'?

सारांश

कांग्रेस ने ईसीआई को पत्र लिखकर बिहार एसआईआर पर सवाल उठाए हैं। यह पत्र कई गंभीर मुद्दों को उठाता है और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता की मांग करता है। जानिए पत्र में क्या-क्या बातें की गई हैं और इसके पीछे की वजहें क्या हैं।

Key Takeaways

  • कांग्रेस ने ईसीआई से मशीन-पठनीय मतदाता सूची की मांग की है।
  • बिहार में एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं।
  • कई नाम हटाए गए हैं, जो चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को बुधवार को एक पत्र भेजा है। कांग्रेस का कहना है कि बिहार एसआईआर ने सवालों की बौछार कर दी है, जबकि जवाबों की कमी है।

कांग्रेस ने इस पत्र में आरोप लगाया कि चुनाव आयोग का 'विशेष गहन पुनरीक्षण' (एसआईआर) अभियान कई प्रश्न उठाता है, लेकिन संतोषजनक उत्तर नहीं देता। पार्टी ने मांग की है कि आयोग मशीन-पठनीय मतदाता सूची उपलब्ध कराए और उन सभी नामों का विस्तृत विवरण दे जो हटाए गए हैं।

एआईसीसी के महासचिव जयराम रमेश ने पत्र में कहा कि आयोग ने 7.42 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं की अंतिम सूची जारी की है, लेकिन पार्टी की कई अपीलों के बावजूद मशीन-पठनीय फॉर्मेट नहीं दिया गया। सूची को 90,000 अलग-अलग इमेज फाइलों में जारी किया गया, जिससे विश्लेषण करना कठिन हो गया है। उन्होंने यह प्रश्न उठाया, "भारतीय निर्वाचन आयोग मतदाता सूचियों का विश्लेषण आसान बनाने में क्यों हिचकिचा रहा है? इसे किस बात का डर है?"

यह मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच चुका है, जहां एसआईआर की वैधता पर सुनवाई चल रही है। पार्टी ने अपने प्रारंभिक विश्लेषण के आधार पर पत्र में कई गंभीर सवाल उठाए हैं।

30 लाख मतदाताओं के नाम गायब : 2024 लोकसभा चुनावों में 7.72 करोड़ मतदाता थे, लेकिन अब केवल 7.42 करोड़ ही रह गए हैं। "ये 30 लाख लोग कौन हैं? इनमें से कितनों ने लोकसभा चुनाव में वोट डाला?"

4.6 लाख नए मतदाताओं पर सवाल : ईसीआई का दावा है कि 21.53 लाख मतदाता जोड़े गए हैं, लेकिन केवल 16.93 लाख के फॉर्म-6 उपलब्ध हैं। "बाकी 4.6 लाख फॉर्म कहां हैं? क्या बिना प्रक्रिया के नाम जोड़े गए?"

67.3 लाख नाम हटाए गए : एसआईआर में इतने नाम हटाए गए हैं, जिसमें 15 विधानसभा क्षेत्रों में 10 प्रतिशत से अधिक हैं। "हटाए गए मतदाताओं की अंतिम सूची, बूथ और श्रेणीवार विवरण क्यों नहीं दिया गया?"

5 लाख डुप्लिकेट एंट्री : अंतिम सूची में समान नाम, पता और आयु वाले 5 लाख से अधिक डुप्लिकेट पाए गए हैं। "एसआईआर का क्या मतलब था? इनकी सफाई कैसे होगी?"

जयराम रमेश ने सुझाव दिया कि नामांकन की अंतिम तिथि से 10 दिन पहले तक नाम जोड़ने की अनुमति दी जाए, लेकिन उसके बाद कोई पूरक सूची न बने। नामांकन अंतिम सूची के आधार पर ही हो।

Point of View

बल्कि लोकतंत्र की नींव के लिए भी आवश्यक है।
NationPress
08/10/2025

Frequently Asked Questions

कांग्रेस ने ईसीआई को पत्र क्यों लिखा?
कांग्रेस ने बिहार एसआईआर पर सवाल उठाते हुए पत्र लिखा है, जिसमें मतदाता सूची में गड़बड़ियों का जिक्र किया गया है।
इस पत्र में किन मुद्दों पर चर्चा की गई है?
पत्र में वोटरों के नामों के हटने, नए मतदाताओं के फॉर्म की संख्या और डुप्लिकेट नामों की समस्या पर चर्चा की गई है।