क्या बंगाल में भाजपा सांसद और विधायक पर हमले की स्थिति चिंताजनक है?

सारांश
Key Takeaways
- राज्यपाल आनंद बोस ने भाजपा सांसद और विधायक पर हमले की निंदा की।
- बंगाल में स्थिति अच्छी नहीं है, इस पर चिंता जताई।
- राज्यपाल ने राष्ट्रपति को स्थिति से अवगत कराया है।
- चुनाव आयोग पर निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी है।
- विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
कोलकाता, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस ने भाजपा सांसद और विधायक पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बंगाल में हालात ठीक नहीं हैं।
राज्यपाल ने बुधवार को कहा कि भाजपा के लोकसभा सदस्य खगेन मुर्मू और पार्टी के मुख्य सचेतक पर सोमवार को किया गया हमला यह दर्शाता है कि राज्य प्रशासन और जनता के बीच एक गंभीर दूरी है।
उन्होंने कहा, "बंगाल में हालात ठीक नहीं हैं। सरकार और जनता के बीच एक गहरी खाई है।"
राज्यपाल ने यह भी बताया कि मुर्मू और घोष पर हमला केवल भाजपा पर हमले का प्रतीक नहीं है। उन्होंने कहा, "यह एक आदिवासी सांसद पर हमला है, जो यह दर्शाता है कि पश्चिम बंगाल में निर्वाचित प्रतिनिधियों की सुरक्षा खतरे में है। इसका मतलब है कि बंगाल में लोकतंत्र सुरक्षित नहीं है।"
राज्यपाल ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पश्चिम बंगाल की स्थिति से अवगत करा दिया है। जब भी कानून-व्यवस्था का उल्लंघन होता है और दोषियों को नहीं पकड़ा जाता है, तो यह पुलिस की विफलता को दर्शाता है। पुलिस राज्य सरकार के अधीन कार्य करती है, जो भारत के संविधान के अनुसार, कानून-व्यवस्था बनाए रखने की प्राथमिक जिम्मेदारी रखती है। इन मामलों को उपयुक्त अधिकारियों द्वारा संवैधानिक और कानूनी तरीकों से संबोधित किया जाना चाहिए।
उनके अनुसार, ऐसी कार्रवाइयों के लिए कानूनी प्रावधान, न्यायिक तंत्र और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले मौजूद हैं। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि हम एक परिपक्व लोकतंत्र हैं और उचित तरीके से उचित निर्णय लिए जाएंगे।"
बोस ने कहा, "विधायकों और निर्वाचित प्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जो भी आवश्यक होगा, किया जाएगा और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक एवं समन्वित कार्रवाई करने के लिए सूचित किया जाएगा।"
राज्यपाल ने अगले साल होने वाले महत्वपूर्ण पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि निष्पक्ष चुनाव कराना भारत के चुनाव आयोग का कर्तव्य है। मेरा मानना है कि चुनाव आयोग बहुत सक्षम है और अगले साल पश्चिम बंगाल में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करेगा।