क्या कांग्रेस नेता ने आरएसएस को तालिबान से जोड़ने की गलती की?

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क्या कांग्रेस नेता ने आरएसएस को तालिबान से जोड़ने की गलती की?

सारांश

कांग्रेस नेता बीके हरीप्रसाद की तालिबान से आरएसएस की तुलना ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। भाजपा नेताओं ने इसे राष्ट्रवाद और सनातन का अपमान बताया। इस विवाद पर दोनों पक्षों की प्रतिक्रियाएं और आरोप-प्रत्यारोप के बीच की सच्चाई को जानें।

Key Takeaways

  • बीके हरीप्रसाद का बयान राजनीति में हलचल पैदा कर सकता है।
  • भाजपा ने इसे राष्ट्रवाद का अपमान बताया है।
  • राजनीतिक बयानों का असर सामाजिक ताने-बाने पर पड़ सकता है।

नई दिल्ली, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के नेता बीके हरीप्रसाद द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को तालिबान से जोड़ने वाली टिप्पणी ने राजनीतिक विवाद उत्पन्न कर दिया है। भाजपा के नेताओं शहजाद पूनावाला और मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे राष्ट्रवाद और सनातन धर्म का अपमान बताया।

भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने एक वीडियो संदेश में कहा कि बीके हरीप्रसाद, जो गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं, ने कहा है कि पाकिस्तान हमारा दुश्मन नहीं है, बल्कि भाजपा उनका असली दुश्मन है। हरीप्रसाद ने आरएसएस की तुलना तालिबान से की है।

पूनावाला ने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा राष्ट्रवादी संगठनों को गालियाँ देती है और हिंदुओं को बदनाम करती है, जबकि पीएफआई, सिमी और पाकिस्तान के समर्थित आतंकी समूहों के प्रति उसका एक अलग नजरिया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सेना में गुंडागर्दी, सर्जिकल स्ट्राइक में खूनखराबा, और राष्ट्रवादी संगठनों में तालिबान दिखता है, जबकि पाकिस्तान के संदर्भ में उन्हें सिर्फ दोस्ती नजर आती है।

शहजाद ने आगे कहा कि हरीप्रसाद का यह कहना कि पाकिस्तान ने कोई गलती नहीं की है, कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की पहचान सेना, संवैधानिक संस्थाओं और सनातन धर्म का अपमान करने से बन गई है। पूनावाला ने सवाल उठाया कि यदि आरएसएस तालिबान है, तो पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी उसके मुख्यालय क्यों गए थे, और महात्मा गांधी और जयप्रकाश नारायण ने उसकी प्रशंसा क्यों की थी?

वहीं, भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि बीके हरीप्रसाद द्वारा आरएसएस की तालिबान से तुलना करना न केवल अनैतिक है, बल्कि यह कांग्रेस के आतंकियों के प्रति झुकाव को भी उजागर करता है। सिरसा ने आरोप लगाया कि जब भी आतंकियों का सफाया होता है, कांग्रेस उनके लिए आसूँ बहाती है, क्योंकि उसकी राजनीति हमेशा वोट बैंक पर निर्भर करती है। विशेष वर्ग के वोट पाने के लिए कांग्रेस ने हमास, आईएसआईएस और तालिबान जैसे आतंकवादी संगठनों को भी भगवान का रूप देने में संकोच नहीं किया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि इस प्रकार के बयानों से राजनीतिक माहौल और भी गरमाता है। हमें यह समझना होगा कि राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप से अधिक महत्वपूर्ण है राष्ट्र की एकता और अखंडता।
NationPress
17/08/2025

Frequently Asked Questions

कांग्रेस नेता ने आरएसएस को तालिबान से क्यों जोड़ा?
कांग्रेस नेता बीके हरीप्रसाद ने आरएसएस की तुलना तालिबान से इस लिए की क्योंकि उन्होंने इसे भाजपा की राजनीति से जोड़कर देखा।
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया क्या थी?
भाजपा नेताओं ने इसे राष्ट्रवाद और सनातन धर्म का अपमान बताते हुए कांग्रेस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
क्या इस बयान के पीछे कोई राजनीतिक कारण है?
हां, इस तरह के बयानों का उद्देश्य राजनीतिक लाभ उठाना और विरोधी को कमजोर करना होता है।