क्या कांग्रेस नेता ने राहत पैकेज को मजाक बताया? पंजाब के लिए 1600 करोड़ रुपए 'ऊंट के मुंह में जीरा'

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क्या कांग्रेस नेता ने राहत पैकेज को मजाक बताया? पंजाब के लिए 1600 करोड़ रुपए 'ऊंट के मुंह में जीरा'

सारांश

पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए प्रधानमंत्री मोदी की 1600 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता पर कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह राजा वडिंग का तीखा बयान। क्या यह मदद वास्तव में पर्याप्त है? जानें पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • केंद्र सरकार ने पंजाब के लिए 1600 करोड़ का राहत पैकेज घोषित किया है।
  • कांग्रेस नेता ने इसे 'ऊंट के मुंह में जीरा' बताया है।
  • पंजाब में साढ़े चार लाख एकड़ फसलें बर्बाद हो चुकी हैं।
  • किसानों की वास्तविक आवश्यकता 50 हजार करोड़ रुपए की है।
  • सरकारों को किसानों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।

चंडीगढ़, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पंजाब के बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान उन्होंने गुरदासपुर में किसानों, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों से चर्चा की। पीएम मोदी ने मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक के बाद पंजाब को 1600 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।

केंद्र सरकार की इस आर्थिक सहायता को कांग्रेस सांसद और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने 'ऊंट के मुंह में जीरा' करार दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह मुआवजा पंजाब के संकट के मुकाबले बहुत कम है। उनके अनुसार साढ़े चार लाख एकड़ से ज्यादा फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, ढाई लाख से अधिक पशु प्रभावित हुए हैं, हजारों मकान ढह गए हैं और कई लोगों की जानें चली गई हैं।

अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह राशि कब और कैसे किसानों तक पहुंचेगी, यह किसी को नहीं पता। यदि किसी किसान के खाते में 50 हजार रुपए आएंगे, तभी इसे राहत कहा जा सकेगा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों द्वारा दिए गए मुआवजों का उल्लेख करते हुए कहा कि 1988 में आपदा के समय एक अरब रुपए दिए गए थे, जिसका वर्तमान मूल्य लगभग ढाई हजार करोड़ होता है। इसी तरह, 2000 के दशक में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने बाढ़ग्रस्त जिलों के लिए 1200 करोड़ की सहायता दी थी। ऐसे में मौजूदा 1600 करोड़ रुपए की घोषणा नाकाफी है।

उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब सरकार से पहले ही कोई उम्मीद नहीं थी और अब केंद्र ने भी निराश किया है। बाढ़ प्रभावित किसान, जिनकी मोटर, कनेक्शन और मकान बर्बाद हो गए हैं, उन्हें केवल पचास हजार रुपए से मदद नहीं मिल सकती। जलभराव के कारण गांवों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, लोग पीने का पानी बाजार से ला रहे हैं और रोजगार खत्म हो गया है।

वडिंग ने कहा कि पंजाब को कम से कम 50 हजार करोड़ रुपए की सहायता की आवश्यकता है। उन्होंने किसानों की कर्ज माफी की मांग भी उठाई। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र ने वास्तविक मदद नहीं की तो पंजाब की जनता न केंद्र सरकार को माफ करेगी, न ही राज्य सरकार को। मौजूदा सहायता योजना किसानों की पीड़ा और उनकी जरूरतों के सामने बेहद नगण्य है, इसलिए इसे 'ऊंट के मुंह में जीरा' ही कहा जाएगा।

Point of View

केंद्र और राज्य सरकारों की सहायता राशि की समीक्षा आवश्यक है। किसानों की वास्तविक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, यह स्पष्ट है कि दी गई राशि नाकाफी है। सरकारों को किसानों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और वास्तविक मदद प्रदान करनी चाहिए।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

कब और कैसे किसानों को सहायता मिलेगी?
इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन यदि किसानों के खाते में 50 हजार रुपए आते हैं, तभी इसे राहत माना जाएगा।
पंजाब को कितनी सहायता की आवश्यकता है?
कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह के अनुसार, पंजाब को कम से कम 50 हजार करोड़ रुपए की सहायता की आवश्यकता है।
केंद्र सरकार ने क्या सहायता दी है?
केंद्र सरकार ने पंजाब को 1600 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।