क्या कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिहार को 'छोटा-मोटा' राज्य बताया?

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क्या कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिहार को 'छोटा-मोटा' राज्य बताया?

सारांश

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बिहार को 'छोटा-मोटा राज्य' बताना राजनीतिक हलचलों का कारण बना है। एनडीए के नेताओं ने इसे अपमानजनक ठहराया है। जानिए इस बयान पर उठे विवाद और बिहार की राजनीति की प्रतिक्रियाएँ।

Key Takeaways

  • खड़गे का बयान बिहार की राजनीति में तूफान लाया।
  • एनडीए ने इसे अपमानजनक कहा।
  • भाजपा और अन्य नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
  • बिहार का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व।
  • आगामी चुनावों में असर पड़ सकता है।

पटना, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के द्वारा बिहार को ‘छोटा-मोटा राज्य’ कहे जाने वाले बयान के बाद बिहार की राजनीतिक स्थिति गरमा गई है। एनडीए के नेताओं ने खड़गे के इस बयान को बिहार का अपमान बताया है। इस पर विपक्ष की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

भाजपा के नेता और बिहार के मंत्री नितिन नबीन ने खड़गे के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा, "जिस छोटी मानसिकता से कांग्रेस पार्टी के नेता कार्य करते हैं, उनके लिए वही राज्य बड़ा है, जहाँ राहुल गांधी और सोनिया गांधी का परिवार हो। बाकी राज्यों को वे हमेशा छोटी नजरों से ही देखते हैं। कांग्रेस ने इस देश को केवल सोनिया गांधी, राहुल गांधी और इंदिरा गांधी के दृष्टिकोण से देखा है, आम जनता को उनके नजरिए से नहीं देखा गया। उनका यह बयान इसी मानसिकता का प्रमाण है। बिहार के लोग इस अपमान का प्रतिशोध आगामी चुनावों में कांग्रेस को धूल चटाकर लेंगे।"

राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि कांग्रेस की यह मानसिकता पुरानी है, और वे बिहार जैसे राज्य को महत्व नहीं देते। खड़गे ने एक बार फिर से उसी मानसिकता को प्रदर्शित किया है। बिहार का गौरव है कि यहाँ के लोग देश का निर्माण करते हैं, और इस तरह की टिप्पणियाँ बहुत ही ओछी हैं। बिहार अब ऐसी टिप्पणियों को बर्दाश्त नहीं करेगा और इसका खामियाजा कांग्रेस को आगामी चुनावों में भुगतना पड़ेगा।

उपेंद्र कुशवाहा ने राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा भ्रष्टाचार मिटाने के बयान पर कहा कि उनकी बातों पर बिहार की जनता विश्वास नहीं कर सकती, विशेषकर भ्रष्टाचार के मामले में। जब एक पार्टी पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिपटी हो, तो उसके नेता की बातों पर कौन यकीन करेगा?

उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि यह खड़गे की अज्ञानता का प्रमाण है कि वे गांधी के पहले सत्याग्रह की भूमि और देश को पहले राष्ट्रपति देने वाले बिहार के महत्व को नहीं समझते। बिहार कोई छोटा-मोटा राज्य नहीं है, बल्कि यह वह जगह है जहाँ से लोकतंत्र की नींव रखी गई, जहाँ बुद्ध और महावीर ने ज्ञान का प्रकाश फैलाया और जहाँ से जेपी ने आपातकाल के विरुद्ध स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई लड़ी।

केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने भी खड़गे के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि बिहार छोटा नहीं है, बल्कि कांग्रेस की मानसिकता छोटी है। यह बयान न केवल बिहारवासियों की भावनाओं को ठेस पहुँचाता है, बल्कि यह कांग्रेस पार्टी की मानसिकता को भी उजागर करता है। यह बयान बिहार की गौरवशाली परंपरा, संस्कृति और जनमानस का अपमान है।

Point of View

जिसमें बिहार के नेताओं की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण है। कांग्रेस के इस बयान से यह साफ है कि राजनीतिक बयानबाजी अक्सर संवेदनशीलता को नजरअंदाज कर सकती है।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

खड़गे ने बिहार को छोटा-मोटा राज्य क्यों कहा?
खड़गे ने यह टिप्पणी बिहार की राजनीतिक स्थिति को लेकर की थी, जिसे एनडीए ने अपमानजनक बताया।
एनडीए नेताओं की प्रतिक्रिया क्या थी?
एनडीए के नेताओं ने खड़गे के बयान को बिहार का अपमान बताया और कहा कि कांग्रेस की मानसिकता छोटी है।
बिहार के नेता इस पर क्या बोल रहे हैं?
भाजपा और अन्य नेताओं ने खड़गे के बयान की कड़ी आलोचना की है और इसे बिहार के लोगों का अपमान बताया है।