क्या कांग्रेस ने एसआईआर के खिलाफ भरी हुंकार, रामलीला मैदान में होगी विशाल रैली?

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क्या कांग्रेस ने एसआईआर के खिलाफ भरी हुंकार, रामलीला मैदान में होगी विशाल रैली?

सारांश

कांग्रेस ने एसआईआर के खिलाफ चुनाव आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने इस प्रक्रिया के खिलाफ आरपार की लड़ाई की घोषणा करते हुए दिसंबर में रामलीला मैदान में विशाल रैली आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह रैली चुनाव आयोग के राजनीतिकरण की पोल खोलने का एक प्रयास है।

Key Takeaways

  • कांग्रेस ने एसआईआर के खिलाफ रामलीला मैदान में रैली का आयोजन किया।
  • चुनाव आयोग पर भाजपा के इशारों पर काम करने का आरोप।
  • दिसंबर में होने वाली रैली में व्यापक समर्थन की उम्मीद।
  • केरल और असम में एसआईआर से संबंधित मुद्दों का जिक्र।
  • कांग्रेस का हस्ताक्षर अभियान पांच करोड़ से अधिक हस्ताक्षर एकत्र कर चुका है।

नई दिल्ली, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस ने एसआईआर के संबंध में चुनाव आयोग पर भारतीय जनता पार्टी के इशारों पर कार्य करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान किया है। इस क्रम में, कांग्रेस ने यह तय किया है कि दिसंबर में दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा।

यह निर्णय इंदिरा भवन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में वरिष्ठ नेताओं की बैठक में लिया गया। बैठक में एसआईआर प्रक्रिया से जुड़े 12 राज्यों के सीडब्ल्यूसी सदस्यों, प्रदेश अध्यक्षों, विधायक दल के नेताओं, महासचिवों, प्रभारियों और प्रभारी सचिवों ने भाग लिया।

बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और पार्टी के मीडिया एवं पब्लिसिटी के चेयरमैन पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि दिसंबर के पहले सप्ताह में रामलीला मैदान में एसआईआर के खिलाफ बड़ी रैली की जाएगी, जिसमें चुनाव आयोग के राजनीतिकरण का पर्दाफाश किया जाएगा।

वेणुगोपाल ने उल्लेख किया कि मंगलवार को 12 प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्षों, विधायक दल के नेताओं, महासचिवों और वरिष्ठ नेताओं के साथ एसआईआर पर विस्तृत चर्चा की गई। प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के भीतर आम भावना यही है कि चुनाव आयोग जानबूझकर समाज के कुछ वर्गों से वोट हटाने का प्रयास कर रहा है। यह स्थिति बिहार में भी देखी गई थी और अब इसे 12 राज्यों में लागू करने की योजना है।

वेणुगोपाल ने केरल का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि वहां स्थानीय निकाय चुनाव चल रहे हैं, और 9 दिसंबर को पहले चरण का मतदान है। उसी दिन बूथ लेवल अधिकारियों को अंतिम सूची देने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि केरल विधानसभा ने एसआईआर प्रक्रिया को स्थगित करने का प्रस्ताव पारित किया है, लेकिन चुनाव आयोग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। अत्यधिक कार्य दबाव के कारण बीएलओ आत्महत्या कर रहे हैं, उन्हें एक महीने के भीतर प्रक्रिया समाप्त करने का निर्देश दिया गया है।

उन्होंने असम का भी उल्लेख करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने असम के लिए एक अलग एसआईआर की घोषणा की है। यह देश में लोकतंत्र को कमजोर करने का भयावह प्रयास है।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि एसआईआर में आम नागरिकों के नाम काटे जा रहे हैं और चुनाव आयोग ने जिस नीति का पालन बिहार में किया, वही अन्य राज्यों में भी लागू की जाएगी।

पवन खेड़ा ने याद दिलाया कि कांग्रेस बिहार चुनाव से पहले से ही एसआईआर को लेकर सवाल उठाती आ रही है और बिहार में वोटर अधिकार यात्रा भी निकाली गई थी। उन्होंने कहा कि एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट के पांच आदेश आए हैं और सभी ने चुनाव आयोग के खिलाफ निर्णय दिया है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयोग की बदनीयती को स्पष्ट रूप से देखा है। उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस पार्टी ने देशभर में एक हस्ताक्षर अभियान चलाया है, जिसमें पांच करोड़ से अधिक हस्ताक्षर एकत्र किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि वोटर का अधिकार छीना जाएगा तो हम सब आवाज उठाएंगे, यह हमारा कर्तव्य है।

Point of View

जो चुनाव आयोग के फैसलों के खिलाफ है। यह स्थिति लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है, जब राजनीतिक दल अपने मताधिकार की सुरक्षा के लिए एकजुट होते हैं। इस संदर्भ में, यह रैली न केवल कांग्रेस के लिए, बल्कि समस्त राजनीतिक प्रक्रिया के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है।
NationPress
18/11/2025

Frequently Asked Questions

कांग्रेस ने एसआईआर के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं?
कांग्रेस ने एसआईआर के खिलाफ एक विशाल रैली आयोजित करने का निर्णय लिया है, जिसका आयोजन दिसंबर में रामलीला मैदान में होगा।
एसआईआर प्रक्रिया का क्या महत्व है?
एसआईआर प्रक्रिया का उद्देश्य चुनाव आयोग के माध्यम से मतदाता सूची को अपडेट करना है, लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि यह प्रक्रिया राजनीतिक हस्तक्षेप का शिकार हो रही है।
क्या कांग्रेस की रैली का प्रभाव होगा?
यह रैली चुनाव आयोग के खिलाफ एक मजबूत संदेश देने का प्रयास है, और इसके परिणामस्वरूप राजनीतिक माहौल प्रभावित हो सकता है।
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