क्या कांग्रेसमैन राजा कृष्णमूर्ति ने अमेरिका में भारतीय प्रवासियों से एकजुटता की अपील की?
सारांश
Key Takeaways
- एकजुटता की जरूरत है।
- आवाज उठाना महत्वपूर्ण है।
- राजनीतिक भागीदारी बढ़ानी चाहिए।
- कट्टरता का सामना करना होगा।
- सामाजिक जुड़ाव जरूरी है।
शिकागो, १५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय मूल के कांग्रेसमैन राजा कृष्णमूर्ति ने एक बार फिर अमेरिका में रह रहे भारतीयों से एकजुटता और आवाज उठाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि भारतीय अमेरिकियों को अपनी आवाज उठाकर, गठबंधन बनाकर और राजनीतिक भागीदारी बढ़ाकर बढ़ती कट्टरता का सामना करना चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि चुप रहने से सिर्फ समुदाय कमजोर होगा।
शिकागो में इंडिया अब्रॉड डायलॉग में कृष्णमूर्ति ने कहा, “हम अभी ऐसे दौर में हैं जहां भारत विरोधी भावनाएं बढ़ रही हैं और अगर राजनीतिक हिंसा के साथ इसकी बढ़ोतरी होगी, तो और ज्यादा खतरनाक हो जाएगा।”
उन्होंने अपनी स्पीच में उनके खिलाफ फैल रही नफरत भरी बातों का भी जिक्र किया। कृष्णमूर्ति ने कहा कि “फ्लोरिडा के एक चुने हुए अधिकारी ने मुझे देश से निकालने की बात कही। उसने मुझे विदेशी कब्ज़ा करने वाला कहा। मैंने उससे कहा कि तुम बस मुझे राजा कहो और मैं तुम्हें नस्लवादी कहूंगा।”
कृष्णमूर्ति ने भारतीय अमेरिकी समुदाय के लिए तीन जरूरी बातों के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “पहली बात, हमें आवाज उठानी होगी। चुप रहने से हिंसा और विरोध कम नहीं होता है। दूसरा, जब किसी और के खिलाफ कट्टरता, भेदभाव और नफरत हो, तब भी आपको आवाज उठानी चाहिए।”
तीसरी बात का जिक्र करते हुए उन्होंने राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने की बात कही। उन्होंने सभी समुदायों से एकजुटता बनाए रखने की अपील की। उनका कहना है कि हमें दूसरे समुदायों के साथ मिलकर कंधे से कंधा मिलाकर चलना है, जिससे समुदाय में मजबूती और एकता बढ़े।
कृष्णमूर्ति ने अपनी स्पीच में जनसुरक्षा और बंदूक हिंसा को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ये दोनों ही चीजें देश के लिए बड़ी समस्या बनती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि “औसतन हर दिन बड़े पैमाने पर गोलीबारी होती है,” और “कॉमन सेंस वाले गन रेगुलेशन” वाले लोग बेहतर मेंटल हेल्थ सपोर्ट की वकालत करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि राजनीतिक बयानबाजी का लहजा मायने रखता है। उन्होंने कहा, “हमें एक-दूसरे के बारे में इस्तेमाल की जाने वाली बयानबाजी का माहौल ठंडा करना होगा। लोग आपकी बात सुनते हैं और अगर वे आपकी बात सुनते हैं, तो वे उस पर अमल भी कर सकते हैं।”
लंबे समय से कम्युनिटी लीडर रहे डॉ. भरत बराई के अवैध इमिग्रेशन पर उठाए सवाल पर उन्होंने कहा कि “हम सभी सहमत हैं कि अवैध इमिग्रेशन को रोका जाना चाहिए, लेकिन कानूनी इमिग्रेशन को भी रोका जाना चाहिए। ये दोनों ही परेशान करने वाली बात हैं।
अमेरिका में रहने वाले प्रवासी समुदायों में भारतीय मूल के लोग सबसे अधिक शिक्षित और आर्थिक रूप से सफल माने जाते हैं। समुदाय के नेताओं का कहना है कि बढ़ती राजनीतिक ध्रुवीकरण की स्थिति में समाज से लगातार और सक्रिय जुड़ाव पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है।