क्या अमरनाथ यात्रा में सुरक्षा का जायजा लेने पहुंचे सीआरपीएफ महानिदेशक?

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क्या अमरनाथ यात्रा में सुरक्षा का जायजा लेने पहुंचे सीआरपीएफ महानिदेशक?

सारांश

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक जी. पी. सिंह ने अमरनाथ यात्रा मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था का गहन मूल्यांकन किया। इस यात्रा में सीआरपीएफ की भूमिका और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए उनकी तत्परता की सराहना की गई। जानिए यात्रा की ताजा स्थिति और सुरक्षा प्रबंधों के बारे में।

Key Takeaways

  • यात्रा की सुरक्षा में सीआरपीएफ की महत्वपूर्ण भूमिका है।
  • श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।
  • सुरक्षा प्रबंधों की विस्तृत समीक्षा की जा रही है।
  • जवानों का समर्पण और सेवा भावना प्रशंसा का विषय है।
  • अमरनाथ यात्रा सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।

श्रीनगर, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक जी. पी. सिंह ने अमरनाथ यात्रा मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था का गहन मूल्यांकन किया।

उन्होंने पहलगाम के नुनवान बेस कैंप में सुरक्षा प्रबंधों की विस्तृत समीक्षा की, जिससे तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा को सुरक्षित और सहज बनाया जा सके। सीआरपीएफ इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, और महानिदेशक ने इस दौरान जवानों की तत्परता और पेशेवर रवैये की सराहना की।

महानिदेशक ने 116वीं बटालियन के मुख्यालय में रात बिताई, जहां उन्होंने जवानों के साथ अनौपचारिक बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अमरनाथ यात्रा के महत्व पर जोर दिया और बताया कि प्रत्येक तीर्थयात्री को सुरक्षित और सहज महसूस कराना सीआरपीएफ की सामूहिक जिम्मेदारी है।

उन्होंने जवानों की सतर्कता, समर्पण और सेवा भावना के लिए प्रशंसा की। यह यात्रा लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रतीक है और सीआरपीएफ इसे सुरक्षित बनाने के लिए दिन-रात तैनात है।

इस वर्ष अमरनाथ यात्रा के पहले 6 दिनों में 1.11 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। बुधवार को जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से 7,579 श्रद्धालुओं का नया जत्था कश्मीर की ओर रवाना हुआ। अधिकारियों ने बताया कि यात्रा की शुरुआत 3 जुलाई से हुई थी और तब से लेकर अब तक 1.11 लाख से ज्यादा यात्रियों ने दर्शन किए हैं।

सुरक्षाबलों की निगरानी में बुधवार को दो अलग-अलग जत्थे रवाना किए गए। पहले जत्थे में 133 वाहन शामिल थे, जिनमें 3,031 यात्री थे, जो सुबह 3:25 बजे बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुए। वहीं, दूसरे जत्थे में 169 वाहन और 4,548 यात्री थे, जो सुबह 3:40 बजे नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना हुए।

अमरनाथ यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए आकर्षित करती है। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी सीआरपीएफ बखूबी निभा रहा है। महानिदेशक ने जवानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि उनकी सजगता और अनुशासन ही इस यात्रा को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है।

Point of View

अमरनाथ यात्रा का महत्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक भी है। सीआरपीएफ की भूमिका इस यात्रा को सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण है। इस प्रकार की यात्राएं देश की एकता और अखंडता को दर्शाती हैं। हमें हमेशा सुरक्षा और श्रद्धा का संतुलन बनाए रखना चाहिए।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

अमरनाथ यात्रा कब शुरू होती है?
अमरनाथ यात्रा हर साल 3 जुलाई से शुरू होती है, और यह आमतौर पर 40 दिनों तक चलती है।
इस साल कितने श्रद्धालु अब तक यात्रा कर चुके हैं?
इस साल के पहले 6 दिनों में 1.11 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं।
सीआरपीएफ की भूमिका अमरनाथ यात्रा में क्या है?
सीआरपीएफ इस यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कैसे की जाती है?
यात्रा के दौरान, सीआरपीएफ जवानों की तैनाती, निगरानी और सुरक्षा प्रबंधों का ध्यान रखा जाता है।
क्या यात्रा में किसी प्रकार की समस्या आती है?
यात्रा में मौसम की स्थितियों और सांस्कृतिक तनावों के कारण कभी-कभी समस्याएँ आ सकती हैं, लेकिन सीआरपीएफ इस पर ध्यान देता है।