क्या चक्रवात मोन्था ने आंध्र प्रदेश को 5,265 करोड़ रुपए का नुकसान पहुँचाया?
सारांश
Key Takeaways
- चक्रवात मोन्था ने आंध्र प्रदेश में 5,265 करोड़ रुपए का नुकसान पहुँचाया।
- सड़कों को 2,079 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
- राज्य सरकार ने तकनीक का सहारा लेकर राहत कार्य किए।
- समन्वय से पहले ही दिन सामान्य स्थिति बहाल हुई।
- गर्भवती महिलाओं की समस्याओं का प्रभावी समाधान किया गया।
अमरावती, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश में आए भीषण चक्रवाती तूफान मोन्था से अनुमानित 5,265 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार के अनुसार, सड़कों को ही 2,079 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि कृषि क्षेत्र को 829 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जबकि बिजली और जल संसाधन विभाग को 207 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
नुकसान का पूरा आकलन करने के बाद केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट भेजी जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तकनीक की मदद से चक्रवात से हुए नुकसान को कम करने में सफलता पाई है। उन्होंने यह भी बताया कि हमने उपग्रह चित्रों के आधार पर चक्रवात की स्थिति का आकलन किया और समय-समय पर चेतावनी जारी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी विभागों ने मिलकर कार्य किया और पहले ही दिन सामान्य स्थिति को काफी हद तक बहाल कर दिया।
उन्होंने कहा, "चक्रवात और बारिश को रोका नहीं जा सकता, लेकिन सतर्कता और समय पर कार्रवाई से जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता है।" उन्होंने कहा कि हमने तकनीक का उपयोग करके सभी प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान को कम करने में सफलता प्राप्त की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के मंत्रियों ने स्थिति पर नजर रखी और रियल टाइम गवर्नेंस सोसाइटी ने नुकसान की गंभीरता को कम करने के लिए निगरानी की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को परेशानी से बचाने के लिए तकनीक का उपयोग कर रही है, लेकिन कुछ लोग फर्जी पोस्ट डाल रहे हैं।
मुख्यमंत्री नायडू ने राहत प्रयासों की सराहना की और कहा कि सभी स्तरों पर कर्मचारियों ने तत्परता और दक्षता दिखाई।
उन्होंने कहा, "मैं बहुत खुश हूं। मैंने सभी का ऐसा तत्पर और समर्पित कार्य देखा है।" भारी बारिश और पेड़ों के गिरने के बावजूद, सड़कों की सफाई और मरम्मत का काम तुरंत शुरू हो गया।
मुख्यमंत्री ने राहत शिविरों के प्रबंधन में सुधारों पर भी जोर देते हुए कहा कि पिछले वर्षों में गर्भवती महिलाओं को बहुत कष्ट सहते देखा गया है, लेकिन इस बार सब कुछ सही तरीके से प्रबंधित किया गया।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के बीच बेहतरीन समन्वय की सराहना की, जिससे समय पर राहत उपलब्ध कराई जा सकी।
उन्होंने सामूहिक प्रयास को सार्वजनिक सेवा और आपदा तैयारी के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।