क्या तेजस्वी यादव से मिले भाकपा महासचिव डी राजा की महागठबंधन की जीत सुनिश्चित है?

सारांश
Key Takeaways
- डी राजा ने तेजस्वी यादव से मिलकर सीट बंटवारे पर चर्चा की।
- महागठबंधन की जीत की उम्मीद जताई गई।
- मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है।
- न्यायपालिका की गरिमा पर हमला निंदनीय है।
- राजनीतिक एकता महत्वपूर्ण है।
पटना, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा मंगलवार को पटना आए और सीट बंटवारे को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक के दौरान, पार्टी ने तेजस्वी यादव को 24 सीटों की सूची सौंपी और उन्हें सम्मानजनक सीट देने की मांग की।
बैठक में भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा के साथ राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय, राष्ट्रीय सचिव संजय कुमार और राष्ट्रीय परिषद सदस्य अजय कुमार सिंह भी उपस्थित थे।
पटना एयरपोर्ट पर संवाददाताओं से बात करते हुए भाकपा महासचिव ने कहा, "महागठबंधन में मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर कोई समस्या नहीं है। बिहार चुनाव में महागठबंधन की जीत होगी और तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री बनेंगे। चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है, लेकिन मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया को लेकर गंभीर चिंताएं बनी हुई हैं।"
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर सवाल उठाए गए थे और सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद ही आधार और अन्य दस्तावेजों को पंजीकरण के लिए अनुमति दी गई थी। फिर भी, कई पात्र मतदाता, विशेष रूप से हाशिए पर पड़े समुदायों और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग वंचित हैं। यह चुनाव आयोग का संवैधानिक कर्तव्य है कि वह यह सुनिश्चित करे कि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मताधिकार से वंचित करना जनादेश का अपमान और उपहास होगा।
भाकपा महासचिव ने सर्वोच्च न्यायालय के अंदर भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने की घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि यह घटना न्यायपालिका की गरिमा पर सीधा हमला है। यह केवल एक न्यायाधीश पर हमला नहीं है, बल्कि पूरी न्यायपालिका और भारत के संविधान पर हमला है। समाज में न्याय की रक्षा के लिए इस मानसिकता को उजागर कर अलग-थलग और परास्त किया जाना चाहिए।