क्या कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले से दार्जिलिंग में शिक्षकों का आक्रोश बढ़ेगा?

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क्या कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले से दार्जिलिंग में शिक्षकों का आक्रोश बढ़ेगा?

सारांश

दार्जिलिंग में शिक्षा व्यवस्था पर संकट गहरा गया है। कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्णय ने 313 वॉलंटियर शिक्षकों की नौकरी रद्द कर दी है, जिसके चलते शिक्षकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है। क्या इस निर्णय का दार्जिलिंग की शिक्षा व्यवस्था पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा?

Key Takeaways

  • दार्जिलिंग में शिक्षकों की नियुक्तियों में अनियमितताएं हैं।
  • कलकत्ता हाईकोर्ट का निर्णय शिक्षा व्यवस्था में संकट लाएगा।
  • शिक्षकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है।
  • पिछले 25 वर्षों से कोई नियमित भर्ती प्रक्रिया नहीं है।
  • शिक्षकों की कमी से मातृभाषा पढ़ाने में मुश्किलें आएंगी।

दार्जिलिंग, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कलकत्ता हाईकोर्ट के हालिया निर्णय ने दार्जिलिंग की पहाड़ियों में शिक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर संकट उत्पन्न कर दिया है। इस फैसले के तहत गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) के अंतर्गत नियुक्त 313 वॉलंटियर शिक्षकों की नियमितीकरण और राज्य की मंजूरी को अवैध मानते हुए रद्द कर दिया गया।

जस्टिस बिस्वजीत बसु की बेंच ने स्पष्ट किया कि ये नियुक्तियां कानूनी दृष्टि से उचित नहीं हैं और राज्य सरकार इन्हें सही ठहराने में असफल रही। इस निर्णय के खिलाफ 'संयुक्ता माध्यमिक शिक्षक संगठन' ने गुरुवार से पहाड़ी क्षेत्रों के सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है।

संगठन का कहना है कि सभी स्कूल बंद रहेंगे और चल रही परीक्षाएं भी स्थगित कर दी जाएंगी। पिछले 25 वर्षों से दार्जिलिंग हिल्स में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कोई नियमित भर्ती प्रक्रिया नहीं हुई है। ऐसे में शिक्षकों के लिए अपनी योग्यता साबित करना मुश्किल है। यदि सभी एसएससी परीक्षा का इंतजार करते हैं तो पहाड़ के स्कूल बंद हो जाएंगे।

इन वर्षों में शिक्षकों की जिम्मेदारी वॉलंटियर शिक्षकों ने ही निभाई है। 2002 से जीटीए क्षेत्र में वॉलंटियर शिक्षकों की नियुक्ति हो रही है। यह शिक्षकों की गलती नहीं है, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था की खामियों का परिणाम है, जिसकी जिम्मेदारी पूर्ववर्ती राज्य सरकार और वर्तमान जीटीए पर है। शिक्षकों को इसका दंड नहीं मिलना चाहिए।

हाईकोर्ट के निर्णय ने न केवल इन 313 शिक्षकों की नौकरियां छीन ली हैं, बल्कि रिटायर्ड, वर्तमान और अन्य वॉलंटियर शिक्षकों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसके अलावा, मातृभाषा पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमी भी हो रही है, क्योंकि बाहरी क्षेत्रों से शिक्षक आ रहे हैं। संगठन ने शिक्षकों और पहाड़ी शिक्षा व्यवस्था की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरने का निर्णय लिया है।

विरोध के पहले चरण में कल से सभी स्कूल अनिश्चितकाल तक बंद रहेंगे। वार्षिक परीक्षाएं, परिणाम और स्कूल कार्यक्रम भी टाल दिए जाएंगे। यदि कोई स्कूल निर्देशों का पालन नहीं करता है और कोई अनहोनी होती है, तो संगठन इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा।

यह मामला 2023 में दायर याचिकाओं से संबंधित है, जिसमें अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। कई शिक्षकों के पास बीएड जैसी अनिवार्य योग्यता नहीं थी। राज्य सरकार नियमित भर्ती प्रक्रिया का समर्थन नहीं कर सकी।

Point of View

जो न केवल शिक्षकों के लिए, बल्कि छात्रों के लिए भी चुनौतीपूर्ण है। हमें एक स्थायी समाधान की आवश्यकता है, जो सभी पक्षों के हितों का ध्यान रखे।
NationPress
17/12/2025

Frequently Asked Questions

इस फैसले से कितने शिक्षकों की नौकरी प्रभावित हुई है?
कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले से 313 वॉलंटियर शिक्षकों की नौकरी प्रभावित हुई है।
क्या स्कूलों में हड़ताल हो रही है?
हां, सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया गया है।
क्या यह निर्णय दार्जिलिंग की शिक्षा व्यवस्था पर दीर्घकालिक प्रभाव डालेगा?
यह निर्णय दार्जिलिंग की शिक्षा व्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पिछले 25 वर्षों में क्या प्रक्रिया रही है?
पिछले 25 वर्षों से दार्जिलिंग में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कोई नियमित भर्ती प्रक्रिया नहीं हुई है।
क्या अन्य शिक्षकों पर भी इसका असर पड़ेगा?
हां, यह निर्णय रिटायर्ड, मौजूदा और अन्य वॉलंटियर शिक्षकों पर भी असर डाल सकता है।
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