क्या दिल्ली में क्लासरूम कंस्ट्रक्शन घोटाले में ईडी की कार्रवाई है?

सारांश
Key Takeaways
- ईडी की कार्रवाई 37 ठिकानों पर हुई।
- क्लासरूम कंस्ट्रक्शन घोटाला 2000 करोड़ रुपये से जुड़ा है।
- मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पर आरोप लगे हैं।
- अनियमितताओं की जांच जारी है।
- शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, १८ जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दिल्ली में क्लासरूम कंस्ट्रक्शन घोटाले से जुड़े ठेकेदारों और निजी संस्थाओं के ३७ स्थानों पर छापे मारे। हाल ही में क्लासरूम कंस्ट्रक्शन मामले में एसीबी द्वारा एफआईआर दर्ज की गई थी, और ईडी की यह कार्रवाई उसी एफआईआर से संबंधित है।
सूत्रों के अनुसार, ईडी की टीम दिल्ली के राजेंद्र नगर में बब्बर एंड बब्बर आर्किटेक्ट्स सहित ३७ ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। यह मामला दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्रियों और निजी ठेकेदारों के खिलाफ विभिन्न स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण में कथित अनियमितताओं से संबंधित है।
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मंजूरी मिलने के बाद एसीबी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। एसीबी ने ३० अप्रैल को मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
यह मामला लगभग २००० करोड़ रुपये के कथित घोटाले से जुड़ा है। आरोप है कि उन पर १२,७४८ कक्षाओं और इमारतों के निर्माण में अनियमितता बरती गई है।
एसीबी के अनुसार, क्लासरूम निर्माण की लागत को अनावश्यक रूप से बढ़ाया गया। जांच में यह भी सामने आया कि कक्षाओं को सेमी-परमानेंट स्ट्रक्चर के रूप में बनाया गया। जिन ठेकेदारों को ठेका मिला था, उनके संबंध आप पार्टी से जुड़े थे।
इसके पूर्व, एसीबी ने बताया कि आप पार्टी के नेताओं मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को सरकारी स्कूलों में १२,७४८ कक्षाओं के निर्माण में २,००० करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में समन जारी किया गया था। उनके खिलाफ ३० अप्रैल को एफआईआर दर्ज की गई थी।
आरोप है कि मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कक्षाओं की लागत और आकार में मनमाने तरीके से वृद्धि की। दोनों पर सरकारी नियमों का पालन न करने का भी आरोप है।
क्लासरूम बनाने की लागत २४.८६ लाख रुपये बताई गई है, जबकि दिल्ली में इसी प्रकार के निर्माण की लागत ५ लाख रुपये आती है।