क्या दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 'ठक-ठक गैंग' के फरार सदस्य को गिरफ्तार किया?

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क्या दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 'ठक-ठक गैंग' के फरार सदस्य को गिरफ्तार किया?

सारांश

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई में 'ठक-ठक गैंग' के सदस्य को गिरफ्तार किया है। आरोपी कृष्णा उर्फ गोपाल, जो लंबे समय से फरार था, दो आपराधिक मामलों में वांछित था। उसकी गिरफ्तारी से चोरी की वारदातों का पर्दाफाश हुआ है। जानिए पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ठक-ठक गैंग के सदस्य को गिरफ्तार किया।
  • कृष्णा उर्फ गोपाल दो आपराधिक मामलों में वांछित था।
  • गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तारी की गई।
  • ठक-ठक गैंग पार्क की गई गाड़ियों के शीशे तोड़कर चोरी करता है।
  • आरोपी ने कई शहरों में चोरी की वारदातें की हैं।

नई दिल्ली, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन के तहत कुख्यात 'ठक-ठक गैंग' के एक फरार सदस्य को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान कृष्णा उर्फ गोपाल (27) के तौर पर हुई है, जो दिल्ली का निवासी है। वह यूपी के गोरखपुर में दर्ज दो आपराधिक मामलों में वांछित था और लंबे समय से पुलिस की पकड़ से बाहर था।

10 सितंबर को क्राइम ब्रांच को एक गुप्त सूचना मिली थी कि फरार आरोपी कृष्णा उर्फ गोपाल अपने साथियों से मिलने अन्ना कॉलोनी, आईटीओ क्षेत्र में आएगा। इस सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर पवन लाकड़ा के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया। तकनीकी निगरानी के बाद आरोपी को घेराबंदी कर दबोच लिया गया।

कृष्णा के खिलाफ चोरी के दो अलग-अलग मामलों में प्राथमिकी दर्ज है। पहली घटना 29 अगस्त को थाना रामगढ़ताल में हुई, जहां शिकायतकर्ता अरविंद कुमार ने बताया कि उनकी कार का शीशा तोड़कर अज्ञात चोरों ने कई कीमती सामान चुरा लिए। दूसरी घटना 30 अगस्त को थाना शाहपुर में हुई, जिसमें शिकायतकर्ता विवेकानंद शुक्ला ने भी इसी तरह की चोरी की शिकायत की।

जांच में पता चला कि कृष्णा और उसके साथी इन दोनों वारदातों में शामिल थे। गोरखपुर पुलिस ने मौके से दो अन्य अपराधियों को गिरफ्तार किया था, जबकि कृष्णा अपने अन्य साथियों के साथ भागने में सफल रहा।

पूछताछ में उसने बताया कि वह 'ठक-ठक गैंग' का सदस्य है, जो मुख्यतः दक्षिण भारत से आया है। यह गैंग पार्क की गई गाड़ियों के शीशे तोड़कर सामान चुराता है। यदि गाड़ी में कोई चालक हो, तो वे चालक को बाहर बुलाने के लिए विभिन्न तरकीबों का सहारा लेते हैं। आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने कई शहरों में ऐसी चोरियों को अंजाम दिया है।

क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी लंबे समय से अपनी लोकेशन बदलता रहा ताकि गिरफ्तारी से बच सके। लेकिन गुप्त सूचनाओं और तकनीकी निगरानी के जरिए उसे पकड़ लिया गया। उसकी गिरफ्तारी से गोरखपुर और दिल्ली में हुई चोरी की घटनाओं का पर्दाफाश हुआ है।

पुलिस ने जानकारी दी कि कृष्णा उर्फ गोपाल ने 9वीं कक्षा तक पढ़ाई की थी, और इसके बाद वह असामाजिक तत्वों के संपर्क में आ गया। उसके पिता रेलवे में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। उसके चाचा (मामा) संजू भी उसी कॉलोनी में रहते थे, जिसके चलते वह ठक-ठक गैंग में शामिल हो गया।

Point of View

बल्कि कई और चोरी की वारदातों का भी पर्दाफाश किया। यह देश के लिए एक सकारात्मक संदेश है कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
NationPress
12/09/2025

Frequently Asked Questions

ठक-ठक गैंग क्या है?
ठक-ठक गैंग एक अपराधी समूह है जो पार्क की गई गाड़ियों के शीशे तोड़कर चोरी करता है।
कृष्णा उर्फ गोपाल क्यों वांछित था?
कृष्णा उर्फ गोपाल दो आपराधिक मामलों में वांछित था, जिसमें चोरी की घटनाएँ शामिल थीं।
दिल्ली पुलिस ने उसे कैसे गिरफ्तार किया?
दिल्ली पुलिस ने गुप्त सूचना और तकनीकी निगरानी के आधार पर उसे गिरफ्तार किया।
क्या इस गैंग के सदस्य अन्य शहरों में भी सक्रिय हैं?
हाँ, आरोपी ने स्वीकार किया है कि उसने कई शहरों में चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है।
कृष्णा की शिक्षा क्या है?
कृष्णा ने 9वीं कक्षा तक पढ़ाई की है।