क्या सिरसा की अध्यक्षता में डीकेवीआईबी की 54वीं बैठक में कुटीर उद्योगों के पुनरुद्धार के लिए 17 मुद्दों पर चर्चा हुई?
सारांश
Key Takeaways
- डीकेवीआईबी की 54वीं बैठक का आयोजन पुनरुद्धार के लिए महत्वपूर्ण है।
- कौशल वृद्धि योजना और वित्तीय सहायता पर जोर दिया गया।
- नई एम्पोरियो स्थापित करने की योजना है।
- स्थानीय कारीगरों के लिए विपणन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा।
- जीआई टैग के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
नई दिल्ली, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वदेशी’, ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए, तथा मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में, दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को खादी एवं ग्राम उद्योग को नई दिशा देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।
लगभग चार साल बाद, दिल्ली खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड (डीकेवीआईबी) की 54वीं बैठक का आयोजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता पर्यावरण एवं उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने की।
बैठक में यह तय किया गया कि डीएसआईआईडीसी के साथ समन्वय में, दिल्ली के कनॉट प्लेस में एक भव्य एम्पोरियो स्थापित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य दिल्ली के दिल में एक ‘वन-स्टॉप’ अनुभव प्रदान करना है, जहां भारत के लगभग 650 जीआई टैग उत्पादों को क्यूरेटेड तरीके से प्रदर्शित किया जाएगा।
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “पिछली सरकार की प्राथमिकताएं कुछ और थीं। महात्मा गांधी के स्मारक पर जाकर वे हर साल कहते थे कि उनसे प्रेरणा लेते हैं, लेकिन उन्होंने खादी के सपने को पूरी तरह से भुला दिया। डीकेवीआईबी की चार साल तक एक भी बैठक नहीं हुई थी। आज हमने उस परंपरा को फिर से जीवित किया है।”
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि डीकेवीआईबी के नए एक्ट और नियम तैयार करने के लिए लीगल कंसल्टेंट्स की नियुक्ति की जाएगी, जिससे बोर्ड के कामकाज को और मजबूत एवं व्यवस्थित किया जा सकेगा। मंत्री सिरसा ने बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने इस वर्ष के बजट में 50 करोड़ रुपए का आवंटन किया है, जिससे बोर्ड कारीगरों के प्रशिक्षण, स्किलिंग और विपणन के लिए संपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करेगा।
सिरसा ने कहा, “हमारे छोटे कारीगरों के पास कला है, लेकिन अपने हाथों से बनाए उत्पादों को बेचने का न साधन है और न प्लेटफॉर्म। डीकेवीआईबी उनके लिए वह माध्यम बनेगा जो उनकी कला को स्केल, फंडिंग और मार्केट एक्सेस दिलाएगा।”
बैठक के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों ने मनजिंदर सिंह सिरसा को बताया कि दिल्ली के तीन पारंपरिक उत्पादों को जीआई टैग दिलाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिससे जल्द ही राजधानी के उत्पाद भी देश की विशिष्ट भौगोलिक संकेतक सूची में शामिल होंगे।
बैठक में 17 प्रमुख एजेंडों पर चर्चा हुई, जिनमें कौशल वृद्धि योजना, कारीगरों को वित्तीय सहायता, और स्वदेशी उत्पादों के लिए साझा बिक्री मंच की स्थापना शामिल थी।
बैठक के बाद, मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने डीकेवीआईबी के कश्मीरी गेट स्थित निगम भवन कार्यालय में जूट बैग और हस्तनिर्मित कागज से बनी वस्तुओं की एक विशेष प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार के स्वदेशी संकल्प के तहत, हमने स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए जूट बैग और हैंडमेड पेपर उत्पादों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे यहां आएं, इस विशिष्ट संग्रह को देखें और दिल्ली के कारीगरों का उत्साह बढ़ाएं।”
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा को डीकेवीआईबी का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद से, बोर्ड के कामकाज में तेजी आई है। मंत्री सिरसा के नेतृत्व में बोर्ड ने स्वदेशी मेले जैसे आयोजनों के माध्यम से कारीगरों को एक मंच पर लाने का कार्य किया है।
यह सब दिल्ली सरकार की स्वदेशी को बढ़ावा देने और भारतीय हैंडलूम की विरासत को सहेजने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।