क्या दिल्ली विस्फोट में हर्षुल सेतिया ने अपने परिजनों को बताया आंखों देखा हाल?
सारांश
Key Takeaways
- हर्षुल सेतिया का विस्फोट के समय का अनुभव भयावह था।
- अस्पताल में स्थिति गंभीर थी।
- हर्षुल की शादी फरवरी में है।
- परिवार ने संकट के समय एक-दूसरे का सहारा लिया।
- सरकार ने भी सहायता प्रदान की।
गदरपुर, १२ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम को हुई एक कार विस्फोट में घायल हुए उत्तराखंड के गदरपुर निवासी हर्षुल सेतिया ने एलएनजेपी अस्पताल से छुट्टी लेकर घर वापसी की है।
हर्षुल सेतिया की माता अंजू सेतिया ने राष्ट्र प्रेस से चर्चा करते हुए विस्फोट के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, "आग लग रही थी और लोग जान बचाने के लिए भाग रहे थे। जब मैं बाहर गई, तो मैंने देखा कि मेरा बेटा घायल हो गया है। मेरी बहू ने किसी का स्कूटर लेकर उसे अस्पताल पहुंचाया। हम रात एक बजे अस्पताल पहुंचे। धमाके में मेरी अपनी कार भी क्षतिग्रस्त हो गई।"
उन्होंने यह भी बताया कि उनके बेटे की फरवरी में शादी है। वे शादी की खरीदारी के लिए आए थे, लेकिन खरीदारी पूरी नहीं हुई और चांदनी चौक से नोएडा वापस जा रहे थे जब यह घटना घटी। "हम सभी अपनी गाड़ी के अंदर थे, लेकिन मेरा बेटा बाहर था। धमाका इतना तेज था कि हमारी कार के शीशे टूट गए। किसी तरह से हम सभी की जान बच गई।"
अंजू सेतिया ने कहा कि अस्पताल की स्थिति बहुत गंभीर थी। "किसी का हाथ जल गया था, किसी का पैर। हमने पहले कभी ऐसी घटना नहीं देखी।"
हर्षुल सेतिया के पिता संजीव सेतिया ने कहा, "मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मेरे बेटे का हालचाल पूछा। छुट्टी के समय हमें सीएमओ कार्यालय से भी मदद मिली। इस कठिन समय में हमारे साथ खड़े रहने के लिए मैं उनका आभारी हूं। मेरा बेटा अब घर पर सुरक्षित है। मेरे दूसरे बेटे ने मुझे पूरी घटना की जानकारी दी।"
उन्होंने आगे कहा, "हमने अपने जान-पहचान वालों को फोन करके मदद मांगी थी और सभी की सहायता से मेरा बेटा अब सही सलामत घर लौट आया है। फरवरी में उसकी शादी होनी है। केंद्र और राज्य सरकार से हमें बहुत मदद मिली है, इसके लिए मैं सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं।"