क्या दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडिगो संकट पर चिंता जताई?
सारांश
Key Takeaways
- इंडिगो संकट पर दिल्ली हाईकोर्ट ने चिंता जताई।
- लाखों यात्री एयरपोर्ट पर फंसे रहे।
- सरकार से उठाए गए तीखे सवाल।
- अन्य एयरलाइंस द्वारा टिकटों की कीमतों में बढ़ोतरी।
- अगली सुनवाई जल्द होगी।
नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडिगो संकट को लेकर गहरी नाराजगी और चिंता प्रकट की है। कोर्ट ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा कि लाखों यात्री घंटों तक एयरपोर्ट पर फंसे रहे। यह केवल यात्रियों की परेशानी नहीं है, बल्कि यह पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है। अदालत ने स्पष्ट कहा कि इस समय हवाई यात्रा का सुचारु रूप से संचालन बहुत आवश्यक है, क्योंकि यह अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने सरकार से तीखे सवाल पूछे। कोर्ट ने कहा कि सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन सवाल यह है कि इतनी बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द होने की स्थिति क्यों बनी? क्या एयरपोर्ट पर फंसे लोगों को राहत और मदद के लिए कुछ किया गया?
कोर्ट ने यह भी पूछा कि पायलटों की ड्यूटी टाइमिंग से जुड़े नए नियम 1 जून 2024 से लागू होने थे, फिर उन्हें समय पर लागू क्यों नहीं किया गया? इंडिगो ने पहले से जानने के बावजूद पर्याप्त संख्या में पायलटों की भर्ती क्यों नहीं की, जिससे यह संकट खड़ा हुआ? अदालत ने एयरलाइन के स्टाफ के व्यवहार पर भी चिंता जताई और यात्रियों के साथ अच्छे व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा।
कोर्ट ने यह भी कहा कि अन्य एयरलाइंस इस अवसर का फायदा उठाकर 4-5 हजार रुपये वाले टिकट को 30 हजार रुपये तक बेच रही हैं। सरकार ने इस लूट को रोकने के लिए अब तक क्या किया, यह भी कोर्ट ने पूछा।
याचिका की अधूरी तैयारी पर अदालत ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि जनहित को देखते हुए वे स्वयं इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। कोर्ट ने सरकार और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को सभी सवालों के साथ विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई जल्द ही होगी।