क्या दिल्ली सरकार के प्रदूषण नोटिफिकेशन को हाईकोर्ट ने अस्वीकार किया?

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क्या दिल्ली सरकार के प्रदूषण नोटिफिकेशन को हाईकोर्ट ने अस्वीकार किया?

सारांश

दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रदूषण से संबंधित दिल्ली सरकार के नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की सलाह दी है। जानें इस मुद्दे के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।

Key Takeaways

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार किया।
  • याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की सलाह दी गई।
  • दिल्ली सरकार का नोटिफिकेशन वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से है।
  • बीएस-4 वाहनों को लेकर कानूनी मुद्दे अभी भी चल रहे हैं।

नई दिल्ली, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण के मुद्दे पर दिल्ली सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि इस मामले में उसे सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए, क्योंकि प्रदूषण से संबंधित सभी प्रमुख मामलों की सुनवाई इस समय सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।

दिल्ली सरकार ने हाल ही में एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें बीएस-6 मानक को छोड़कर अन्य सभी पेट्रोल और डीजल वाहनों की दिल्ली में एंट्री पर रोक लगाई गई है। सरकार का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य राजधानी में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना और लोगों की सेहत की सुरक्षा करना है। इसी नोटिफिकेशन को चुनौती देते हुए एक व्यक्ति ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

याचिकाकर्ता का तर्क था कि बीएस-4 वाहनों को वर्ष 2010 से 2020 के बीच बेचने की अनुमति थी। उसने स्वयं साल 2020 में बीएस-4 मानक का वाहन खरीदा था। ऐसे में उसकी गाड़ी अभी महज 5 साल पुरानी है, तो उस पर पूरी तरह से रोक लगाना गलत और अन्यायपूर्ण है। याचिकाकर्ता ने यह भी दलील दी कि जब उसकी गाड़ी खरीदी गई थी, तब वह पूरी तरह से वैध थी और सरकार की नीति के तहत ही रजिस्टर्ड हुई थी।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट का ध्यान इस ओर भी दिलाया कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों को लेकर राहत दी है और कुछ परिस्थितियों में उन्हें चलाने की अनुमति दी है। ऐसे में दिल्ली सरकार का यह नोटिफिकेशन आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने हाल के वर्षों में बीएस-4 गाड़ियां खरीदी हैं और जिनके पास नई बीएस-6 गाड़ी खरीदने की आर्थिक क्षमता नहीं है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका पर दलीलों को सुनने के बाद स्पष्ट कहा कि प्रदूषण से जुड़ा यह मुद्दा पहले से ही सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है। ऐसे मामलों में हाईकोर्ट अलग से दखल नहीं दे सकता। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सलाह दी कि वह अपनी शिकायत और दलीलें सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि प्रदूषण का मुद्दा सभी भारतीयों के लिए चिंता का विषय है। हमें चाहिए कि हम इस समस्या का समाधान खोजें और अदालतों की प्रक्रिया का सम्मान करें। यह आवश्यक है कि हम सच्चाई और न्याय के मार्ग पर चलें।
NationPress
20/12/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाली याचिका पर क्यों सुनवाई नहीं की?
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता को सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए, क्योंकि प्रदूषण से जुड़े सभी बड़े मामले सुप्रीम कोर्ट में चल रहे हैं।
दिल्ली सरकार का नोटिफिकेशन क्या है?
दिल्ली सरकार ने बीएस-6 मानक को छोड़कर अन्य सभी पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की दिल्ली में एंट्री पर रोक लगाने का नोटिफिकेशन जारी किया है।
याचिकाकर्ता ने क्या तर्क दिया?
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसकी बीएस-4 गाड़ी महज 5 साल पुरानी है और उस पर रोक लगाना अन्यायपूर्ण है।
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