क्या दिल्ली के इंद्रलोक से ताजिया का जुलूस शांति से निकला?

सारांश
Key Takeaways
- ताजिया के जुलूस का आयोजन श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है।
- कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यह जुलूस शांतिपूर्वक निकाला गया।
- जुलूस में शामिल लोग लाठी-डंडों के अद्भुत करतब दिखाते हैं।
- इंद्रलोक में एक लाख तक लोग जुटते हैं।
- जुलूस हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में होता है।
नई दिल्ली, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के इंद्रलोक में रविवार को ताजिया का जुलूस कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आयोजित किया गया। जुलूस में शामिल लोगों ने लाठी-डंडों के अद्भुत करतब दिखाए। हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में आयोजित मुहर्रम का यह जुलूस पारंपरिक तरीके से शांति से निकाला गया।
एरिया सिक्योरिटी कमेटी के अध्यक्ष अब्दुल वाहिद कुरैशी ने बताया कि नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के इंद्रलोक में हर साल की तरह इस साल भी ताजिया का जुलूस शांतिपूर्वक निकाला गया। यहां पर वजीरपुर जेजे कॉलोनी, रामपुरा, मोती नगर, शास्त्री नगर, इंद्रलोक, जखीरा, दया बस्ती और आसपास के इलाकों से आने वाले ताजिया के साथ विभिन्न अखाड़ों ने अपने पारंपरिक तरीकों से करतब दिखाए। जुलूस में सभी उम्र और समुदाय के लोग शामिल हुए। ताजिया इस आयोजन का आकर्षण बना रहा, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आए थे।
जुलूस के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, जिसमें ड्रोन के माध्यम से निगरानी रखी गई। डीसीपी नॉर्थ राजा बांठिया खुद मौके पर मौजूद रहकर स्थिति पर नजर बनाए हुए थे। ताजिया को देखने के लिए उमड़ी भारी भीड़ को देखते हुए ट्रैफिक डायवर्जन भी किया गया।
राजा बांठिया ने बताया कि मुहर्रम के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है ताकि यह आयोजन शांतिपूर्वक हो सके। इंद्रलोक में बड़ी संख्या में लोग जुटे हैं, जबकि अन्य जगहों पर ताजिया पहले ही पहुंच चुके हैं। सुरक्षा के लिए एक कंपनी फोर्स तैनात की गई है, साथ ही स्थानीय पुलिस भी मौजूद है।
दिल्ली माइनॉरिटी कांग्रेस के इंचार्ज सिबली मंजूर ने बताया कि रविवार को इंद्रलोक सिक्योरिटी कमेटी द्वारा मुहर्रम के विभिन्न स्थानों से अखाड़े और जुलूस आ रहे हैं। व्यवस्था सुचारू है और पुलिस भीड़ को अच्छे से नियंत्रित कर रही है।
वाहिद कुरैशी ने कहा कि यहां पर एक लाख तक लोगों की भीड़ होती है। इस उत्सव में दिल्ली से करीब 35 अखाड़े आते हैं। हमारा उद्देश्य यह है कि अखाड़े शांतिपूर्वक निकलें और किसी को कोई परेशानी न हो।