क्या केंद्र सरकार ने दिल्ली ब्लास्ट को आतंकी घटना माना?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में आतंकवादी हमला एक गंभीर घटना है।
- केंद्र सरकार ने शोक व्यक्त करते हुए दो मिनट का मौन रखा।
- मंत्रिमंडल ने इस नृशंस कृत्य की निंदा की।
- सरकार ने जांच के लिए तत्परता से कार्यवाही करने की बात कही।
- आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति की पुष्टि की गई।
नई दिल्ली, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किले के निकट हुए कार विस्फोट को एक आतंकवादी घटना मानते हुए इस पर गहरा दुख व्यक्त किया। मंत्रिमंडल ने मारे गए निर्दोष लोगों की श्रद्धांजलि में दो मिनट का मौन रखा।
मंत्रिमंडल द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि देश ने 10 नवंबर को लाल किले के पास एक जघन्य आतंकवादी कार्य का सामना किया है। इस विस्फोट में कई लोगों की जानें गई और अनेक लोग घायल हुए। मंत्रिमंडल ने इस हिंसा के पीड़ितों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़े रहने की बात कही है।
मंत्रिमंडल ने सभी घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है और चिकित्सा कर्मियों और आपातकालीन सेवाओं के प्रदाताओं के प्रयासों की सराहना की है।
मंत्रिमंडल ने इस नृशंस कृत्य की कड़ी निंदा की है, जिसने निर्दोष लोगों की जानें लीं। मंत्रिमंडल ने आतंकवाद के सभी प्रकारों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराते हुए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
मंत्रिमंडल ने अधिकारियों, सुरक्षा एजेंसियों और नागरिकों की तत्परता और समन्वित प्रतिक्रिया की सराहना की, जिन्होंने इस कठिन परिस्थिति में साहस और करुणा दिखाई।
मंत्रिमंडल ने कहा है कि उनका समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा अत्यंत प्रशंसनीय हैं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि घटना की जांच तेजी से और पेशेवर तरीके से की जाए ताकि अपराधियों को दंडित किया जा सके। सरकार स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है।
मंत्रिमंडल ने कहा कि देश और हर नागरिक की सुरक्षा के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है।