क्या दिल्ली में फर्जी एसिड अटैक केस में आरोपी अकील की गिरफ्तारी तय है?
सारांश
Key Takeaways
- फर्जी केस का आरोप लगाना गंभीर अपराध है।
- पुलिस जांच में सच्चाई का पता चलता है।
- युवाओं को सावधान रहना चाहिए।
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस ने एक फर्जी एसिड अटैक केस में साजिश रचने के आरोप में अकील खान को गिरफ्तार करने के लिए तिहाड़ जेल का रुख किया है। अकील पहले से ही यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग के मामलों में जेल में बंद है।
कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस की टीम जेल पहुंची है, जहां अकील को झूठा केस दर्ज करवाने की साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि पूछताछ के बाद इस मामले में और गिरफ्तारियां होंगी।
यह मामला दिल्ली विश्वविद्यालय की एक 20 वर्षीय छात्रा से संबंधित है, जिसने 21 अक्टूबर को अशोक विहार स्थित लक्ष्मी बाई कॉलेज के पास तीन युवकों पर एसिड अटैक का आरोप लगाया था।
पीड़िता ने जितेंद्र सिंह, ईशान और अरमान पर हमला करने का इल्जाम लगाया, जिसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन जांच में खुलासा हुआ कि यह पूरी घटना फर्जी थी। पीड़िता ने खुद टॉयलेट क्लीनर का इस्तेमाल कर अपने हाथ और बैग पर चोटें बनाईं, ताकि जितेंद्र और उसके साथियों को फंसाया जा सके।
पुलिस जांच के अनुसार, अकील खान ने अपनी बेटी को इस साजिश के लिए उकसाया। अकील पर जितेंद्र की पत्नी ने 2021 से 2024 तक अपने होजरी यूनिट में काम के दौरान दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग और अश्लील फोटो-वीडियो बनाने का आरोप लगाया था।
जितेंद्र की पत्नी ने शिकायत दर्ज कराई, तो बदला लेने के लिए अकील ने फर्जी एसिड अटैक की योजना बनाई। अकील ने अपनी बेटी को निर्देश दिए कि हमले के बाद जितेंद्र का नाम लिया जाए। छात्रा ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि पिता के दबाव में उसने यह नाटक रचा।
भारत नगर थाना पुलिस ने पहले ही अकील के भाई वकील खान को गिरफ्तार कर लिया है। वकील ने पूछताछ में बताया कि उसने अकील की योजना का विरोध किया था, लेकिन अकील नहीं माना। घटना वाले दिन अकील ने वकील को फोन कर कहा, "काम हो गया है।" पुलिस ने अकील के नाबालिग बेटे को भी हिरासत में लिया है।