क्या मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का महासम्मेलन भारत के मुसलमानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा?

Click to start listening
क्या मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का महासम्मेलन भारत के मुसलमानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा?

सारांश

नई दिल्ली में आयोजित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का महासम्मेलन एक ऐतिहासिक घटना है, जहां हजारों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इंद्रेश कुमार ने घुसपैठियों की चेतावनी दी, जबकि डॉ. शाहिद अख्तर और अन्य नेताओं ने मुस्लिम समाज के विकास के लिए नई योजनाओं की घोषणा की। क्या यह महासम्मेलन मुसलमानों के हकों की रक्षा करेगा?

Key Takeaways

  • घुसपैठियों के कारण मुसलमानों के हक पर खतरा।
  • शिक्षा और तरक्की पर जोर देने की आवश्यकता।
  • महिलाओं को नेतृत्व में लाने का लक्ष्य।
  • नई योजनाओं की घोषणा जैसे सुलह केंद्र और स्किल डेवलपमेंट सेंटर।
  • संगठन की गहरी जड़ें और व्यापक स्वीकार्यता।

नई दिल्ली, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में शनिवार को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) का अखिल भारतीय मुस्लिम महासम्मेलन भव्य और ऐतिहासिक रूप से संपन्न हुआ। देशभर से हजारों की संख्या में कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता इसमें शामिल हुए।

इस महासम्मेलन के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने अपने संबोधन में आतंकवाद और नशे को समाज के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बताया। उन्होंने कहा, "आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, यह केवल शैतानियत है। हम हिन्दुस्तानी थे, हैं और रहेंगे। हमारी पहचान पर कोई भी सवाल नहीं उठा सकता।"

उन्होंने आगे कहा कि अब समय है कि शिक्षा, तहजीब और तरक्की पर जोर देकर भारत को आगे बढ़ाना चाहिए। इंद्रेश कुमार ने चेतावनी दी कि घुसपैठिए देश के मुसलमानों के हक पर कब्जा कर रहे हैं। अगर घुसपैठिए नौकरी लेंगे तो यहां का मुसलमान रोजगार से वंचित हो जाएगा।

एनसीएमईआई के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. शाहिद अख्तर ने कहा कि एमआरएम अपनी 25 साल की यात्रा पूरी कर रहा है और अगले 25 वर्षों के लिए नई दिशा तय करनी होगी। उन्होंने कहा, "हमें दर्शक नहीं, राष्ट्र निर्माता बनना है।"

उन्होंने घोषणा की कि आने वाले समय में मुस्लिम समाज के लिए सुलह केंद्र, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, छात्रवृत्ति योजनाएं और करियर गाइडेंस सेल स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा, "हजरत मोहम्मद साहब मुसलमानों की आस्था और पहचान की बुनियाद हैं, दुनिया को मोहब्बत, इल्म और इंसाफ का यह पैगाम समझना होगा।"

राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजल ने कहा कि यह मंच केवल दो कमरों से शुरू हुआ था और पहले सम्मेलन में मात्र 110 लोग थे। आज यहां 10,000 कार्यकर्ताओं की उपस्थिति इस संगठन की गहरी जड़ों और व्यापक स्वीकार्यता का सबूत है।

सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि एमआरएम ने हमेशा देश तोड़ने की ताकतों का सामना किया है। अजमेर शरीफ दरगाह के चेयरमैन ख्वाजा नसरुद्दीन ने भारत को सबसे न्यायप्रिय देश बताया। ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम मौलाना उमेर इलियासी ने कहा, "हिंदू-मुस्लिम सबका डीएनए एक है।" पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जाटिया ने मंच के राष्ट्र निर्माण में योगदान की प्रशंसा की।

मंच की राष्ट्रीय संयोजक डॉ. शालिनी अली ने कहा कि अब मुस्लिम महिलाएं केवल लाभार्थी नहीं बल्कि नेतृत्वकर्ता बनेंगी। उन्होंने कहा, "तीन तलाक की समाप्ति के बाद महिलाओं में नई चेतना आई है। अब शिक्षा, कौशल और आर्थिक स्वतंत्रता के जरिए उन्हें सशक्त बनाना हमारा लक्ष्य है।"

Point of View

बल्कि भविष्य की संभावनाओं की भी चर्चा की है।
NationPress
27/09/2025

Frequently Asked Questions

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच क्या है?
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच एक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है जो मुसलमानों के अधिकारों और विकास के लिए काम करता है।
इस महासम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस महासम्मेलन का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय की समस्याओं और उनके अधिकारों की सुरक्षा पर चर्चा करना था।
इंद्रेश कुमार ने क्या कहा?
इंद्रेश कुमार ने घुसपैठियों के कारण मुसलमानों के हक के खतरे की चेतावनी दी और शिक्षा और तरक्की पर जोर दिया।
डॉ. शाहिद अख्तर का क्या योगदान था?
डॉ. शाहिद अख्तर ने संगठन के 25 वर्षों की यात्रा का जिक्र करते हुए आगे की दिशा तय करने की बात की।
महासम्मेलन में कौन-कौन शामिल हुए?
इस महासम्मेलन में कई नेता, बुद्धिजीवी, और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।