क्या दिल्ली में चोरों पर पुलिस का शिकंजा कस गया है? तुलसी और अरुण की गिरफ्तारी से 22 मामले सुलझे

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस ने दो कुख्यात चोरों को गिरफ्तार किया है।
- गिरफ्तारी से 22 चोरी के मामले सुलझे हैं।
- पुलिस टीम ने जाल बिछाकर संदिग्धों को पकड़ा।
- तुलसी पहले भी कई मामलों में लिप्त रहा है।
- बिरजू और नरेश की तलाश जारी है।
नई दिल्ली, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की स्पेशल स्टाफ पुलिस ने तुलसी और अरुण नामक दो कुख्यात चोरों को गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता प्राप्त की है। इन आरोपियों के कब्जे से चोरी के दो मोबाइल फोन और एक स्कूटी बरामद की गई, जो रोहिणी के अमन विहार थाने से चुराई गई थी।
पुलिस का दावा है कि तुलसी और अरुण की गिरफ्तारी के बाद चोरी के 22 मामलों को सुलझा लिया गया है।
पुलिस को सूचना मिली थी कि चोरी के मोबाइल फोन बेचने के इरादे से दो लोग मिंटो रोड टर्मिनल, शिवाजी पार्क के पास एक चोरी की स्कूटी पर आने वाले हैं। इसी सूचना के आधार पर एसीपी ऑपरेशन्स सुरेश खुंगा की देखरेख में इंस्पेक्टर रोहित कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया।
इस टीम में सब-इंस्पेक्टर ओमवीर त्यागी, असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर प्रताप सिंह, यजुरवेंद्र, हेड कांस्टेबल मुनेश, धीरज, विकास, और कांस्टेबल लोकेंद्र, सूरजपाल और अनिल शामिल थे। पुलिस ने शिवाजी पार्क के पास जाल बिछाया और दोनों संदिग्धों को पकड़ लिया।
पकड़े गए व्यक्तियों ने अपनी पहचान तुलसी (41 वर्ष, मोतिया खान, पहाड़गंज) और अरुण (33 वर्ष, बस्ती लाल सिंह, किशन गंज, करोल बाग) के रूप में बताई। तलाशी के दौरान उनके पास से चोरी के दो मोबाइल फोन और एक स्कूटी बरामद हुई, जो अमन विहार थाने में दर्ज चोरी के मामले से संबंधित थी।
पूछताछ में तुलसी ने खुलासा किया कि वह पिछले 3-4 महीनों में अपने साथियों अरुण, बिरजू और नरेश के साथ दिल्ली के विभिन्न इलाकों में मोबाइल, बैग और वाहन चोरी की कई वारदातों में शामिल रहा है। तुलसी पहले भी दिल्ली के लाहौरी गेट, हौज काजी, सदर बाजार और कमला मार्केट थानों में चोरी के 10 से अधिक मामलों में लिप्त रहा है। उसकी गिरफ्तारी के बाद जामा मस्जिद, डीबीजी रोड, करोल बाग और अन्य थानों में दर्ज 22 चोरी के मामले सुलझ गए हैं।
पुलिस ने तुलसी को गिरफ्तार कर लिया है। उसके दो साथी, बिरजू और नरेश, अभी भी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है।