क्या दिल्ली में इस्लामिक व्हाइट कॉलर टेररिज्म का हमला हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- व्हाइट कॉलर टेररिज्म एक नई किस्म का आतंकवाद है।
- दिल्ली में हुए धमाके ने सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
- केंद्र सरकार ने इसे बड़ी साजिश माना है।
- हमें ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
- नेताओं की प्रतिक्रियाएं इस मुद्दे की गंभीरता को दर्शाती हैं।
रांची/लखनऊ, १३ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश में सुरक्षा और राजनीति को लेकर बयानों का सिलसिला जारी है। दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के निकट हुए विस्फोट से लेकर बिहार चुनाव के एग्जिट पोल तक, नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "यह एक नई किस्म की आतंकवादी सोच का आगाज़ है, जिसे 'व्हाइट कॉलर टेररिज्म' कहा जा सकता है। यह इस्लामिक जिहाद के समान है, जिसे 'इस्लामिक व्हाइट कॉलर टेररिज्म' कहा जा सकता है। दिन में ये लोग डॉक्टर बनकर मरीजों की सेवा करते हैं और रात में बड़े आतंकी संगठनों के लिए काम करते हैं। यह एक अत्यंत चिंताजनक स्थिति है। हमारे देश की एजेंसियों ने तुरंत इस पूरे मामले की जांच आरंभ कर दी है। बताया जा रहा है कि आतंकी उमर ने पकड़े जाने के डर से आत्महत्या कर ली।"
शाहदेव ने आगे कहा, "केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यह एक बड़ी आतंकी साजिश थी, जिसमें ३,६०० किलो विस्फोटक जब्त किए गए। यह हमारी एजेंसियों की एक बड़ी सफलता है। केंद्र सरकार की सख्त और मजबूत व्यवस्था का परिणाम है कि एक बड़ी साजिश को विफल किया जा सका, लेकिन यह बेहद दुखद है कि निर्दोष लोगों की जान चली गई।"
लखनऊ से समाजवादी पार्टी के नेता उदयवीर सिंह ने कहा, "इस पूरे प्रकरण की गहराई से और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही, सरकार को यह भी सोचना होगा कि आखिर क्यों बार-बार ऐसी घटनाएं घटित होती हैं। समय पर सूचना और जांच क्यों नहीं हो पाती? भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे ताकि अपराधियों की साजिशें सफल न हो सकें।"
इसी बीच, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर आए राष्ट्र प्रेस-मेट्राइज एग्जिट पोल पर भी उदयवीर सिंह ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "लोग अपनी भावनाओं के अनुसार देख रहे हैं। हमें याद है कि पिछली लोकसभा चुनाव में यूपी में सर्वेक्षणों ने समाजवादी पार्टी को कुछ ही सीटें दी थीं, जबकि हमारे गठबंधन ने ४३ सीटें जीती थीं। मौजूदा माहौल को देखकर साफ लग रहा है कि बिहार में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक की सरकार भारी बहुमत के साथ बनने जा रही है।"