क्या दिल्ली में कांवड़ शिविरों पर आम आदमी पार्टी का भाजपा पर भेदभाव का आरोप सही है?

Click to start listening
क्या दिल्ली में कांवड़ शिविरों पर आम आदमी पार्टी का भाजपा पर भेदभाव का आरोप सही है?

सारांश

आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर कांवड़ शिविरों में भेदभाव का आरोप लगाया है। सौरभ भारद्वाज के अनुसार, धनराशि का वितरण नहीं हुआ है, जिससे समितियों की सेवा प्रभावित हो रही है। क्या यह आरोप सही है? जानें इस विवाद के बारे में।

Key Takeaways

  • भाजपा पर आरोप है कि उसने कांवड़ समितियों के साथ भेदभाव किया।
  • कई समितियों को अब तक धन नहीं मिला है।
  • सरकार ने धार्मिक आयोजनों में राजनीति का हस्तक्षेप किया है।
  • कांवड़ शिविरों के लिए सरकारी सुविधाएं महत्वपूर्ण होती हैं।
  • समितियों की आवाज को अनसुना करना गलत है।

नई दिल्ली, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा सरकार पर दिल्ली में कांवड़ शिविरों को लेकर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। आप के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा सरकार ने कांवड़ समितियों को सीधे खाते में पैसा देने का फैसला तो किया, लेकिन अब तक किसी को कोई धनराशि नहीं मिली है। शिविर लगाने के नाम पर सरकार राजनीति कर रही है।

भारद्वाज ने कहा कि वर्षों से सेवा कर रहीं समितियों को नजरअंदाज कर भाजपा से जुड़ी नई समितियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोंडली में आप विधायक कुलदीप कुमार द्वारा लगाए जा रहे शिविर को पुलिस ने जबरन हटवा दिया ताकि भाजपा से जुड़ा कोई व्यक्ति शिविर लगा सके।

कुलदीप कुमार ने बताया कि उनका शिविर पिछले 6 वर्षों से कोंडली पुल पर लग रहा था और दिल्ली का सबसे बड़ा कांवड़ शिविर माना जाता है। उन्होंने कहा कि 13 दिन बचे हैं, लेकिन अधिकांश समितियों को अब तक न तो पैसे मिले हैं, न ही टेंट लगाने की अनुमति।

उन्होंने कहा कि समिति के लोग बात कर रहे हैं कि अगर टेंट लगेंगे तो पैसा कहां से आएगा। चंदा कैसे इकट्ठा करेंगे। हर कांवड़ समिति संशय में है। सचिवालय में हुई मीटिंग के दौरान कांवड़ समितियों ने सरकार के फैसले का विरोध किया। मंत्री कपिल मिश्रा ने आश्वासन दिया कि समितियों की बात मानेंगे, इसे सीधे पैसा नहीं देंगे। इसके बावजूद तानाशाही तरीके से इसे लागू कर दिया गया।

आप नेताओं ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने कांवड़ शिविरों के लिए निष्पक्ष व्यवस्था की थी, जिसमें टेंट, लाइट, साउंड, टॉयलेट जैसी सुविधाएं सरकार देती थी, जबकि समितियों का काम केवल सेवा और प्रसाद वितरण का होता था।

विपक्ष का आरोप है कि भाजपा सरकार ने दिल्ली में धार्मिक आयोजनों में भी भेदभाव और राजनीतिक हस्तक्षेप शुरू कर दिया है, जिससे धार्मिक सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।

Point of View

यह कहना उचित है कि धार्मिक आयोजनों में राजनीति का हस्तक्षेप न केवल धार्मिक आस्था को प्रभावित करता है, बल्कि समाज में भी विभाजन पैदा करता है। हमें सभी पक्षों की बात सुननी चाहिए और एक निष्पक्ष दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर क्या आरोप लगाए हैं?
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार ने कांवड़ शिविरों में भेदभाव किया है और समितियों को धनराशि नहीं दी है।
कांवड़ शिविर में क्या सुविधाएं सरकार द्वारा दी जाती थीं?
सरकार ने कांवड़ शिविरों के लिए टेंट, लाइट, साउंड और टॉयलेट जैसी सुविधाएं प्रदान की थीं।
क्या भाजपा सरकार ने कांवड़ समितियों को अनदेखा किया है?
आप नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार ने वर्षों से सेवा कर रहीं समितियों को नजरअंदाज किया है।