क्या एनओसी नियमों में ढील मिलने से दिल्ली में प्रदूषण और ट्रैफिक जाम कम होगा?
सारांश
Key Takeaways
- एनओसी नियमों में ढील से वाहन मालिकों को राहत मिलेगी।
- पुराने वाहनों का प्रबंधन बेहतर होगा।
- वायु प्रदूषण में कमी आने की संभावना है।
- दिल्ली सरकार की यह पहल पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाती है।
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली सरकार ने राजधानी के लाखों वाहन मालिकों को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करते हुए वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उन वाहनों के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के आवेदन पर एक वर्ष की समय सीमा को समाप्त करने का निर्णय लिया है, जिनका पंजीकरण निरस्त हो गया है। इसके साथ ही, एनओसी जारी करने की प्रक्रिया को भी सरल बनाने का निर्णय लिया गया है।
दिल्ली सरकार ने उस नियम को स्थगित करने का फैसला लिया है, जिसमें यह कहा गया था कि वाहनों के पंजीकरण की समाप्ति के एक वर्ष के भीतर ही एनओसी के लिए आवेदन किया जा सकता है। यह निर्णय विशेष रूप से 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल और 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों के मालिकों के लिए राहतकारी साबित होगा। ऐसे वाहन मालिक अब अपने पुराने वाहनों को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से बाहर दूसरे राज्यों में ले जाकर पुनः पंजीकृत करवा सकेंगे, भले ही उनके पंजीकरण की अवधि समाप्त हो चुकी हो।
दिल्ली सरकार के इस महत्वपूर्ण फैसले पर दिल्ली के परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने कहा कि हमारी सरकार का हमेशा से नागरिकों के कल्याण और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित रहा है। एक वर्ष की एनओसी समय सीमा के कारण कई पंजीकरण निरस्त वाहन दिल्ली में फंसे रह गए थे। ये वाहन न तो स्क्रैप हो पा रहे थे और न ही अन्य राज्यों में स्थानांतरित किए जा रहे थे, जिससे वायु प्रदूषण और ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ रही थी। हमारी सरकार ने पुराने नियमों में ढील देकर दिल्ली के नागरिकों को जिम्मेदार निर्णय लेने का अवसर प्रदान किया है। इससे दिल्ली की सड़कों से पुराने वाहनों का चरणबद्ध तरीके से हटाने में सहायता मिलेगी और राजधानी की वायु गुणवत्ता और यातायात में सुधार होगा।
पंकज कुमार सिंह ने कहा कि यह कदम कई जन-प्रतिनिधियों की मांग के बाद और आंतरिक समीक्षा के परिणामस्वरूप प्रस्तावित किया गया है, जो परिवहन विभाग के आदेशों के अनुरूप है। हमारी सरकार का यह कदम उन पंजीकरण निरस्त वाहनों को वैधानिक रूप से उन क्षेत्रों में स्थानांतरित करने की अनुमति देगा, जहां उनके संचालन की स्वीकृति है। इससे पंजीकरण निरस्त वाहन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से प्रभावी ढंग से बाहर हो जाएंगे।
परिवहन मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार को उम्मीद है कि दिल्ली सरकार का यह प्रयास पुराने वाहनों के लिए एक सकारात्मक और पर्यावरण-अनुकूल मार्ग प्रदान करेगा। साथ ही, यह राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपिंग नीति को सहयोग देगा और स्वच्छ वायु गुणवत्ता के प्रति दिल्ली सरकार की प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा।