क्या दिल्ली के द्वारका में पुलिस की त्वरित कार्रवाई से स्नैचिंग पर लगेगी रोक?

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क्या दिल्ली के द्वारका में पुलिस की त्वरित कार्रवाई से स्नैचिंग पर लगेगी रोक?

सारांश

दिल्ली के द्वारका में पुलिस ने अपनी त्वरित कार्रवाई से दो कुख्यात स्नैचरों को ढाई घंटे में गिरफ्तार किया, जिससे 12 स्नैचिंग मामलों का खुलासा हुआ। जानिए पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • दिल्ली के द्वारका में पुलिस की त्वरित कार्रवाई से दो स्नैचर पकड़े गए।
  • गिरफ्तारी से 12 स्नैचिंग मामलों का खुलासा हुआ।
  • पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और लोकेशन ट्रैकिंग का इस्तेमाल किया।
  • गिरफ्तार स्नैचरों के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।
  • पुलिस ने सड़क अपराधों को कम करने पर जोर दिया।

द्वारका, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के द्वारका जिले में पुलिस ने सड़क अपराधों पर कड़ा नियंत्रण करते हुए दो कुख्यात स्नैचरों को महज ढाई घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया।

इन बदमाशों की गिरफ्तारी से 12 स्नैचिंग की घटनाओं का खुलासा हुआ है। पुलिस ने इनके पास से 7 मोबाइल, नकदी, सजावटी सामान, मेट्रो कार्ड, इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल और कपड़े बरामद किए हैं।

27 अगस्त को शाम 4 बजे, सेक्टर-10, द्वारका के एक स्कूल के पास एक शिक्षिका से मोबाइल छीनने की पीसीआर कॉल मिली। इसके तुरंत बाद, द्वारका उत्तर के सेक्टर-4 में एक अन्य महिला का पर्स छीनने की सूचना प्राप्त हुई। पुलिस चौकी सेक्टर-10 की टीम, जिसका नेतृत्व एसआई रजत मलिक कर रहे थे, तुरंत हरकत में आई।

सीसीटीवी फुटेज की जांच और छीने गए मोबाइल की लोकेशन ट्रैकिंग के आधार पर पुलिस ने बदमाशों का पीछा शुरू किया।

दोनों स्नैचर मोटरसाइकिल पर सवार थे और व्यस्त सड़कों व भीड़भाड़ वाली गलियों में भाग रहे थे। पुलिस ने दो मोटरसाइकिलों पर करीब 30 किलोमीटर तक उनका पीछा किया। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किसी बड़ी कार्रवाई से बचते हुए, पुलिस ने तिलक विहार के पास बदमाशों को घेर लिया।

सेक्टर-10 चौकी प्रभारी रजत मलिक और उनकी टीम, जिसमें एएसआई संजीव सिंह तेवतिया, एएसआई कीर्ति कुमार, हेड कांस्टेबल कमलेश कुमार, नरेश कुमार, शैतान सिंह, मुकेश कुमार और सुनील शामिल थे, ने बहादुरी से दोनों को धर दबोचा। इस ऑपरेशन को डीसीपी द्वारका अंकित सिंह, एसीपी किशोर कुमार रेवला और एसएचओ राजेश कुमार साह के मार्गदर्शन में अंजाम दिया गया।

गिरफ्तार बदमाशों की पहचान परमिंदर सिंह उर्फ प्रिंस (28) और अमनदीप उर्फ अमनप्रीत सिंह उर्फ गोलू (36) के रूप में हुई। परमिंदर तिलक नगर और अमनदीप निहाल विहार का हिस्ट्रीशीटर है।

अमनदीप को हाल ही में 18 अगस्त को जमानत मिली थी, जिसके बाद दोनों ने स्नैचिंग की वारदातों को अंजाम देना शुरू किया। इनके खिलाफ दिल्ली के सात जिलों में हत्या, डकैती, लूट, स्नैचिंग और आर्म्स एक्ट जैसे 30-30 मामले दर्ज हैं।

पुलिस ने इनके खिलाफ मजबूत सबूत जुटाए हैं और छह मामलों में जमानत रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की है। दोनों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी थे। डीसीपी द्वारका के निर्देश पर सड़क अपराधों को कम करने और पुराने मामलों को सुलझाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

Point of View

NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली में स्नैचिंग की घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं?
दिल्ली में स्नैचिंग की घटनाएं विभिन्न कारणों से बढ़ रही हैं, जैसे कि बढ़ती जनसंख्या, पुलिस की सतर्कता की कमी और अपराधियों का हौसला।
पुलिस ने स्नैचरों को कैसे पकड़ा?
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल की लोकेशन ट्रैकिंग का इस्तेमाल करते हुए स्नैचरों का पीछा किया और उन्हें गिरफ्तार किया।
क्या गिरफ्तार स्नैचर पहले भी अपराध में लिप्त थे?
हाँ, गिरफ्तार किए गए स्नैचर पहले भी कई मामलों में शामिल रहे हैं और उनके खिलाफ पहले से मामले दर्ज हैं।
पुलिस की कार्रवाई कितनी प्रभावी है?
पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने दिखाया है कि अगर समय पर कदम उठाए जाएं, तो अपराधियों को पकड़ना संभव है।
सड़क अपराधों को कैसे रोका जा सकता है?
सड़क अपराधों को रोकने के लिए पुलिस और समुदाय को मिलकर काम करना होगा। सुरक्षा उपायों को बढ़ाना और जागरूकता फैलाना जरूरी है।