क्या दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए सीएम रेखा गुप्ता ने चौकीदारों को इलेक्ट्रिक हीटर दिए?
सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने चौकीदारों को इलेक्ट्रिक हीटर देकर प्रदूषण कम करने का प्रयास किया है।
- इस कदम से आग जलाने से उत्पन्न धुएं को कम किया जा सकेगा।
- सरकार ने कई अन्य उपाय भी लागू किए हैं जैसे मैकेनिकल स्वीपिंग और मिस्ट-स्प्रे टेक्नोलॉजी।
- प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में नागरिकों की भागीदारी आवश्यक है।
- सर्दियों में खुले में आग जलाना पूरी तरह से मना है।
नई दिल्ली, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के उपायों के तहत रविवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आरडब्ल्यूए के चौकीदारों को इलेक्ट्रिक हीटर वितरित किए, ताकि सर्दियों में आग जलाने से उत्पन्न धुएं और प्रदूषण को घटाया जा सके। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार भविष्य में भी राजधानी को साफ, सुरक्षित और प्रदूषण-मुक्त बनाने के लिए ऐसे कदम उठाती रहेगी।
उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक हीटर एक सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प हैं, जो प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में प्रभावी उपकरण के रूप में कार्य कर सकते हैं। मुख्यमंत्री के अनुसार, सरकार इस दिशा में मिशन मोड में कार्य कर रही है।
डीएसआईआईडीसी के सीएसआर फंड का उपयोग करते हुए दिल्ली हाट, पीतमपुरा में इलेक्ट्रिक हीटर वितरित किए गए। मुख्यमंत्री ने पर्यावरण और उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और डीएसआईआईडीसी को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि सर्दियों में खुले में आग जलाना प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है। इससे हवा में धुएं की मोटी परतें बन जाती हैं। नाइट गार्ड को दिए गए हीटर इस धुएं को कम करने में मदद करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है।
उन्होंने बताया कि सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिंग और पानी छिड़कने के सिस्टम को बढ़ाया गया है। बिजली के खंभों पर मिस्ट-स्प्रे टेक्नोलॉजी लगाई जा रही है, और पूरे शहर में धूल कम करने का एक बड़ा योजना लागू किया जा रहा है। इसके साथ ही, औद्योगिक इकाइयों में एमिशन को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि धूल कम करने के लिए दिल्ली की लगभग 1,400 किलोमीटर सड़कों पर वॉल-टू-वॉल कारपेटिंग का कार्य चल रहा है। खुले में कचरा या जलाने की लकड़ी जलाना पूरी तरह से मना है। इसके अलावा, जरूरतमंद परिवारों को गैस कनेक्शन दिए जा रहे हैं, ताकि जलाने की लकड़ी का उपयोग कम किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों के कारण प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ है, लेकिन निरंतर कमी केवल लोगों की सक्रिय भागीदारी से ही संभव है।
उन्होंने अपील की कि यदि लकड़ी, कोयला या कचरा जलता हुआ देखा जाए, तो तुरंत कार्यवाही करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रदूषण के खिलाफ इस लड़ाई में हर नागरिक की महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि यह सरकार और समाज की साझा जिम्मेदारी है।