क्या दिल्ली में वायु प्रदूषण पर राजनीति गरमाई है? भाजपा ने कांग्रेस को घेरा

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क्या दिल्ली में वायु प्रदूषण पर राजनीति गरमाई है? भाजपा ने कांग्रेस को घेरा

सारांश

दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी बहस चल रही है। भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि 2009 से पहले ही प्रदूषण की समस्या बढ़ने लगी थी। क्या यह राजनीतिक खेल है, या वाकई प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं पुरानी सरकारें? जानिए पूरी कहानी!

Key Takeaways

  • दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या गंभीर है।
  • राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं।
  • कांग्रेस ने दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
  • भाजपा का कहना है कि प्रदूषण 2009 से बढ़ा है।
  • इलेक्ट्रिक बसों की योजना प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक प्रयास है।

नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं। कांग्रेस ने वायु गुणवत्ता की बिगड़ती स्थिति के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। दूसरी ओर, भाजपा ने कांग्रेस के बयान पर प्रतिक्रीया दी है। दिल्ली भाजपा ने गुरुवार को राज्य कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव के वायु और जल प्रदूषण पर दिए गए बयान की आलोचना करते हुए कहा कि सच्चाई यह है कि शहर में प्रदूषण 2009 के आस-पास बढ़ना शुरू हुआ जब कांग्रेस सत्ता में थी।

दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या 2009 में गंभीर हो गई थी, जब कांग्रेस नेता शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थीं। उन्होंने यह भी कहा कि नालों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट न लगाने के कारण यमुना नदी 2009 से पहले ही गंदगी से भर गई थी।

कांग्रेस की टिप्पणी को गंभीर मुद्दे पर राजनीति बताते हुए दिल्ली भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि 2007 से 2009 के बीच राष्ट्रमंडल खेलों के नाम पर शहर में अंधाधुंध निर्माण की अनुमति दी गई, जिससे दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सालभर खतरे के निशान से ऊपर बना रहा और इसे आज तक नियंत्रित नहीं किया जा सका है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट न लगाने और ड्रेनेज मास्टर प्लान विकसित न करने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का 27 वर्षों का अक्षम शासन जिम्मेदार है।

कांग्रेस नेता यादव ने गुरुवार को दिल्ली के लोक निर्माण विभाग मंत्री परवेश वर्मा के उस बयान की आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि दिल्ली में प्रदूषण की समस्या चार से छह महीनों में हल नहीं हो सकती और इसे कई वर्षों में धीरे-धीरे कम किया जाएगा।

उन्होंने पूछा कि क्या भाजपा ने चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में कहा था कि वे कई वर्षों में प्रदूषण कम करने का प्रयास करेंगे?

यादव ने यह भी कहा कि 11 वर्षों में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली को बर्बाद कर दिया, लेकिन पिछले 10 महीनों में भाजपा प्रदूषण सहित कई समस्याओं पर कुछ नहीं कर पाई।

इससे पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गुरुवार को घोषणा की कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि अगले वर्ष तक दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की सभी बसें इलेक्ट्रिक हों ताकि सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त हो सके।

Point of View

NationPress
18/12/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली में वायु प्रदूषण के मुख्य कारण क्या हैं?
दिल्ली में वायु प्रदूषण के मुख्य कारणों में निर्माण गतिविधियाँ, वाहनों का बढ़ता संख्या और औद्योगिक उत्सर्जन शामिल हैं।
क्या भाजपा ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कोई कदम उठाए हैं?
भाजपा ने दिल्ली परिवहन निगम की बसों को इलेक्ट्रिक बनाने का निर्णय लिया है, जो प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक कदम है।
कांग्रेस का वायु प्रदूषण पर क्या कहना है?
कांग्रेस ने दिल्ली सरकार को वायु गुणवत्ता की गिरती स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया है और इसे राजनीतिक मुद्दा बनाया है।
क्या दिल्ली का प्रदूषण सिर्फ मौसमी है?
नहीं, दिल्ली में प्रदूषण एक स्थायी समस्या है जो मौसमी बदलाव के बावजूद बनी रहती है।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का क्या महत्व है?
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का महत्व इस बात में है कि यह जल स्रोतों को प्रदूषित होने से बचाता है और वायु गुणवत्ता में सुधार करता है।
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