क्या दिल्ली मेट्रो में ड्यूटी के दौरान शहीद हुआ सीआईएसएफ का के9 हीरो ‘राजा’?
सारांश
Key Takeaways
- राजा ने अपनी जान देकर सुरक्षा बलों की महत्ता को दर्शाया।
- सीआईएसएफ ने राजा को सैन्य सम्मान के साथ विदाई दी।
- राजा ने कई बड़े हादसों को रोककर यात्रियों की सुरक्षा की।
- सच्चे नायक केवल इंसान नहीं होते, बल्कि जानवर भी हो सकते हैं।
- इस घटना ने सुरक्षा बलों और उनके साथियों के प्रति हमारी जिम्मेदारी को उजागर किया।
नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने मंगलवार को बहादुर के9 डॉग स्क्वॉड सदस्य ‘राजा’ को पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) में तैनात ‘राजा’ ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाई।
राजा बेल्जियन मेलिनॉय नस्ल का 7 साल का प्रशिक्षित स्निफर डॉग था। वह सीआईएसएफ की दिल्ली मेट्रो यूनिट का हिस्सा था और रोजाना लाखों यात्रियों की सुरक्षा के लिए विस्फोटक और संदिग्ध सामान की जांच करता था। माना जा रहा है कि अचानक गंभीर बीमारी की वजह से उसकी तबीयत बिगड़ी और इलाज के दौरान उसने अंतिम सांस ली।
विदाई समारोह में सीआईएसएफ के जवान भावुक नजर आए। राजा के शव को तिरंगे में लपेटा गया, फूलों से सजाया गया और जवानों ने सैल्यूट दिया। पूरा यूनिट मौन रखकर अपने इस चार पैरों वाले साथी को श्रद्धांजलि देने खड़ा रहा। कई जवानों की आंखों में आंसू थे क्योंकि राजा उनके लिए सिर्फ एक डॉग नहीं, बल्कि परिवार का सदस्य और ड्यूटी का सबसे भरोसेमंद साथी था।
सीआईएसएफ के मुताबिक, राजा केवल एक डॉग नहीं था। वह हमारा विश्वसनीय साथी, सबसे आगे खड़ा रहने वाला रक्षक और खामोश ताकत का प्रतीक था। मुश्किल रास्तों पर चलना हो या छिपे खतरे को सूंघकर बताना हो, उसने हमेशा पूरी निष्ठा और सटीकता से काम किया। उसका बलिदान हमें याद दिलाता है कि सच्चे नायक हर रूप में आते हैं, कभी-कभी चार पैरों पर भी।
सीआईएसएफ के के9 स्क्वॉड के हैंडलर ने बताया कि राजा ने अपने करियर में दर्जनों बार विस्फोटक सामग्री पकड़ी और कई बड़े हादसों को रोका। उसकी सूंघने की क्षमता और ट्रेनिंग इतनी शानदार थी कि उसे हमेशा सबसे मुश्किल ड्यूटी पर सबसे पहले चुना जाता था।