क्या दिवाली से पहले वायु प्रदूषण ने लाल निशान को पार कर लिया है? गाजियाबाद और नोएडा की स्थिति गंभीर

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण ने खतरनाक स्तर पार कर लिया है।
- AQI 300 से ऊपर जा चुका है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरा है।
- सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान लागू किया है।
- विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
- वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सभी को प्रयास करने की आवश्यकता है।
नोएडा, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दिवाली से पहले ही वायु प्रदूषण ने एक खतरनाक स्तर को छू लिया है। गुरुवार सुबह के आंकड़ों के अनुसार, गाजियाबाद के लोनी और नोएडा के कई क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता दिल्ली के अधिकांश स्थानों से भी अधिक खराब हो गई है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के पार, यानी 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गया है। गाजियाबाद में लोनी का AQI 339 दर्ज किया गया, जो पूरे क्षेत्र में सबसे अधिक है। वहीं, नोएडा के सेक्टर-125 का AQI 358 तक पहुंचा, जो चिंता का सबसे बड़ा कारण बन गया है।
गाजियाबाद के अन्य क्षेत्रों का भी हाल कुछ ऐसा ही है- वसुंधरा और इंदिरापुरम का AQI 287 है, जबकि संजय नगर का AQI 260 रहा। नोएडा में स्थितियां गंभीर बनी हुई हैं। सेक्टर-116 में AQI 334, सेक्टर-1 में 257 और सेक्टर-62 में 207 दर्ज किया गया।
दिल्ली में भी स्थिति कुछ बेहतर नहीं है। आनंद विहार का AQI 335, वजीरपुर का 337, बवाना का 281 और मुंडका का 297 है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है, लेकिन अधिकांश इलाके 'खराब' से 'बहुत खराब' श्रेणी में हैं। हवा की बिगड़ती गुणवत्ता को देखते हुए, वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बनाए गए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) का पहला चरण लागू किया जा चुका है।
इसमें निर्माण कार्यों पर रोक और डीजल जनरेटर के उपयोग पर प्रतिबंध जैसे उपाय शामिल हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यदि प्रदूषण का स्तर इसी तरह बना रहा, तो जल्द ही ग्रेप का दूसरा और सख्त चरण लागू किया जा सकता है। अक्टूबर के आंकड़े बताते हैं कि ओजोन और पीएम10 प्रमुख प्रदूषक तत्व रहे हैं। कई दिनों तक इनका स्तर अत्यधिक रहा, जो दिवाली से पहले ही वायु गुणवत्ता में गिरावट का संकेत देता है। 'बहुत खराब' श्रेणी का AQI स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम उत्पन्न करता है।
इस स्थिति में सभी नागरिकों, विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस व हृदय रोगियों को अत्यधिक सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है। लंबे समय तक बाहर रहने से बचना चाहिए और घर के अंदर हवा शुद्ध करने वाले उपकरणों का उपयोग करना अनिवार्य है। सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। दिवाली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है।