क्या दिल्ली पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट और निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले दो मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया?

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क्या दिल्ली पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट और निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले दो मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया?

सारांश

दिल्ली पुलिस ने एक बड़े साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश किया है, जिसमें दो मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया गया है। फर्जी निवेश योजनाओं और डिजिटल अरेस्ट स्कैम से जुड़े मामलों में ये गिरफ्तारियां हुई हैं। क्या यह एक संकेत है कि साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने में पुलिस सफल हो रही है?

Key Takeaways

  • साइबर अपराध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
  • फर्जी निवेश योजनाओं से बचने के लिए सावधानी बरतें।
  • पुलिस की कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि साइबर अपराधियों को पकड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही।
  • पीड़ितों को अपनी शिकायतें तुरंत दर्ज करानी चाहिए।
  • साइबर सुरक्षा का महत्व समझें और दूसरों को जागरूक करें।

नई दिल्ली, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के इंटर स्टेट सेल (आईएससी) ने एक बड़े साइबर फ्रॉड नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए दो प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

यह कार्रवाई साइबर ठगी, डिजिटल अरेस्ट स्कैम और जाली निवेश योजनाओं के जरिए करोड़ों रुपए की मनी ट्रेल को ठिकाने लगाने से संबंधित मामलों में की गई है। ऑपरेशन का नेतृत्व इंस्पेक्टर कमल कुमार और सतेंद्र खारी ने एसीपी आईएससी रमेश लांबा की देखरेख में किया।

पहला मामला बैंक एन्क्लेव, नई दिल्ली के एक व्यक्ति के साथ फर्जी ऑनलाइन निवेश योजना के माध्यम से 31.45 लाख रुपए की ठगी से संबंधित था, जिसमें आरोपियों ने पीड़ित को एक जाली व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर एक ऐप इंस्टॉल कराया और अधिक मुनाफे का लालच देकर छह अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए।

इसके बाद जाली व्हाट्सएप ग्रुप को डि-एक्टिवेट कर दिया गया और ऐप भी बंद हो गया, जिससे पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई। शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई। जांच में पता चला कि धन को कई म्यूल खातों के जरिए लेयरिंग कर इधर-उधर भेजा गया।

इसके बाद पंजाब और गुजरात में छापेमारी के दौरान म्यूल अकाउंट धारक अर्जुन सिंह (39) निवासी सुरेंद्र नगर, गुजरात को गिरफ्तार किया गया, जिसने कमीशन लेकर पैसे निकाले थे। उसके पास से मोबाइल, सिम, एटीएम कार्ड और चेक बुक बरामद की गई।

दूसरा मामला अमेरिका की एक एनआरआई महिला के डिजिटल अरेस्ट स्कैम का शिकार होने का था। पीड़िता ने बताया कि दिल्ली आने के बाद उसे एक इंटरनेशनल नंबर से कॉल करके खुद को सैन फ्रांसिस्को दूतावास और दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताकर धमकाया गया। अंततः नकली वीडियो कॉल के माध्यम से डराकर उससे 30 लाख रुपए एक म्यूल अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए गए।

क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला कि यह धन पंजाब स्थित एक साझेदारी फर्म के खाते में गया, जहाँ से कुछ ही मिनटों में इसे विभिन्न खातों में स्थानांतरित कर दिया गया। क्राइम ब्रांच की टीम ने मोहाली और चंडीगढ़ में छापेमारी कर आरोपी वरुण को गिरफ्तार किया। उसके पास से 38 एटीएम कार्ड, 51 चेक बुक, मोबाइल फोन, लैपटॉप, नकदी और एक कार बरामद की गई।

क्राइम ब्रांच का कहना है कि फरार आरोपियों की तलाश जारी है और पूरे नेटवर्क की गहन जांच की जा रही है।

Point of View

दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से स्पष्ट होता है कि साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। यह एक सकारात्मक संकेत है कि यदि हम एकजुट होकर इस तरह के अपराधों के खिलाफ लड़ेंगे, तो हम निश्चित रूप से सफल होंगे।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली पुलिस ने किस प्रकार के साइबर फ्रॉड के खिलाफ कार्रवाई की?
दिल्ली पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम और फर्जी निवेश योजनाओं के खिलाफ कार्रवाई की है।
गिरफ्तार किए गए मास्टरमाइंड कौन हैं?
गिरफ्तार किए गए मास्टरमाइंड अर्जुन सिंह और वरुण हैं।
क्या पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया है?
नहीं, पुलिस अभी भी फरार आरोपियों की तलाश कर रही है।
इन साइबर फ्रॉड से पीड़ित लोगों को क्या करना चाहिए?
पीड़ितों को तुरंत पुलिस को शिकायत दर्ज करानी चाहिए और अपने पैसे की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए।
क्या यह मामला केवल दिल्ली तक सीमित है?
नहीं, इस मामले में पंजाब और गुजरात के आरोपी भी शामिल हैं।
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