क्या दिल्ली पुलिस ने इंटरस्टेट साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया, 3 गिरफ्तार?

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क्या दिल्ली पुलिस ने इंटरस्टेट साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया, 3 गिरफ्तार?

सारांश

दिल्ली पुलिस ने एक इंटरस्टेट साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश किया है, जिसमें तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। ये आरोपी नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को विदेश में नौकरी का झांसा देकर ठगते थे। जानें इस मामले के सभी पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाना जरूरी है।
  • पुलिस की तत्परता से अपराधियों को पकड़ा गया।
  • नौकरी के झांसे में न आएं।
  • फर्जी दस्तावेजों की पहचान करना सीखें।
  • साइबर फ्रॉड के खिलाफ सख्त कानून हैं।

नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को एक इंटरस्टेट साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया और नौकरी की तलाश में लगे लोगों को विदेश में नौकरी का लालच देकर ठगने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।

गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने ठगी से जुड़े मोबाइल फोन, लैपटॉप और नकद राशि भी बरामद की। आरोपियों की पहचान गुजरात निवासी केतन दीपक कुमार, पश्चिम बंगाल के संजीत मंडल और गुरुग्राम निवासी रवि कुमार मिश्रा के रूप में हुई है। पुलिस ने उनके कब्जे से छह मोबाइल फोन, दो लैपटॉप और 50 हजार रुपए नकद भी बरामद किए हैं।

इस मामले की शुरुआत एके सहाय की शिकायत के बाद हुई, जिनकी कोविड-19 महामारी के दौरान नौकरी चली गई थी और वे विदेश में काम की तलाश कर रहे थे। उन्हें 'फ्लाईअब्रॉड 6' नामक एक ग्रुप से एक व्हाट्सएप संदेश मिला, जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को कंपनी का सलाहकार और ग्रुप एडमिन आदेस श्रीवास्तव बताकर न्यूजीलैंड में शेफ या कुक की नौकरी का प्रस्ताव दिया था।

आरोपी ने भरोसा दिलाने के लिए नकली वीजा और नौकरी नियुक्ति पत्र सहित कई दस्तावेज देकर 1.80 लाख रुपए जमा करा लिए थे, जिसके बाद वह गायब हो गए।

पुलिस ने बताया कि कंपनी और दस्तावेज की जांच करने पर सभी दस्तावेज नकली पाए गए। शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई और जांच शुरू की गई।

इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक की देखरेख में एसआई अमित कुमार, हेड कांस्टेबल संजय, सोनू कुमार और सचिन की एक विशेष टीम बनाई गई।

जांच में यह पाया गया कि ठगी गई राशि पहले यश बैंक के एक अकाउंट में जमा की गई और फिर इसे छिपाने के लिए दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया। जांच में अकाउंट होल्डर्स का पता गुरुग्राम और गुजरात के आनंद जिले में मिला।

पुलिस ने पहले आरोपी दीपक कुमार को 9 नवंबर को ऋषिकेश, उत्तराखंड से गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ के बाद 13 नवंबर को कोलकाता से दूसरे आरोपी संजीत मंडल को गिरफ्तार किया गया। साथ ही तीसरे आरोपी को गुरुग्राम में पकड़ा गया। पुलिस के अनुसार, तीनों ने मिलकर पीड़ितों को फर्जी नौकरी के प्रस्ताव का लालच दिया था।

Point of View

वह उचित है और समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को दर्शाती है। इस प्रकार के फ़्रॉड से बचने के लिए जागरूकता आवश्यक है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली पुलिस ने कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया?
दिल्ली पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों ने किस प्रकार से ठगी की?
आरोपियों ने नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को विदेश में नौकरी का झांसा देकर ठगा।
कितनी राशि की ठगी की गई?
ठगी गई राशि 1.80 लाख रुपए थी।
पुलिस ने कितने मोबाइल और लैपटॉप बरामद किए?
पुलिस ने छह मोबाइल फोन और दो लैपटॉप बरामद किए।
इस मामले की जांच किसने की?
इस मामले की जांच इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक की देखरेख में की गई।
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